श्रीलंका में संकट लगातार गहराता ही जा रहा है। अब तक देशभर में लोग सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन किसी तरह की हिंसा का खबर नहीं मिली थी। अब यहां पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चला दीं। पुलिस की इस कार्रवाई में कम से कम 10 लोग घायल हो गए वहीं एक प्रदर्शनकारी की मौके पर ही मौत हो गई।
एएफपी ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि कुछ लोग रामबुकाना में हाइवे जाम कर रहे थे। ये सभी लोग पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों, अस्पताल और पुलिस से जुड़ी समस्याओं को लेकर सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरे थे। इसके बाद पुलिस ने हाइवे खुलवाने के लिए पहले प्रदर्शनकारियों पर डंडे बरसाए और फिर गोली चला दी।
श्रीलंका में आर्थिक संकट गहराता जा रहा है। शनिवार को श्रीलंका का स्टॉक एक्सचेंज 5 दिन के लिए बंद हो गया है। इसके बाद राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और महिंदा राजपक्षे के खिलाफ प्रदर्शन तेज हो गया। आंदोलनकारियों ने राजपक्षे सरकार पर तानाशाही और भाई भतीजावाद करने का आरोप लगाते हुए दोनों नेताओं को श्रीलंका से बाहर जाने को कहा। उन्होंने कहा कि देश की प्रगति में हम कोई भी बाधा सहन नहीं करेंगे।
आर्थिक संकट और विरोध प्रदर्शनों के बीच आखिरकार राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को झुकना पड़ा। उन्होंने अपनी गलती मानते हुए कहा कि वह सुधार का प्रयास करेंगे। सोमवार को राजपक्षे ने नई कैबिनेट का गठन किया है। इसमें उनके परिवार के केवल एक सदस्य महिंद्रा राजपक्षे हैं जो कि प्रधानमंत्री हैं।
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