कनाडा के दौरे पर आए पोप फ्रांसिस ने कनाडा के कैथोलिक आवासीय स्कूलों में बच्चों के साथ दुर्व्यवहार के लिए माफी मांगी है। पोप ने मस्कवाकिस में बोलते हुए “आई एम सॉरी” कहा। उन्होंने कहा कि मैं अपने नागरिकों पर ईसाइयों द्वारा किए गए अंतहीन अत्याचारों के लिए अपने दिल की गहराई से माफी मांगता हूं।
पिछले साल कमलूप्स आदिवासी स्कूल के मैदान में 215 बच्चों की कब्रें मिली थीं। एक समय में यह स्कूल कनाडा का सबसे बड़ा आवासीय विद्यालय था। 1950 में, 500 छात्रों ने वहां दाखिला लिया था। पोप फ्रांसिस एक स्वदेशी स्कूल, एर्मिनेस्काइन के पास कार्यक्रम में बोल रहे थे। स्कूल आने वाले और बाद में इसी स्थान पर मरने वाले छात्रों की कब्रों का पता लगाने के लिए एक विशेष रडार का इस्तेमाल किया गया था।
कहा जाता है कि इन स्कूलों में हजारों छात्रों की मौत हो गई थी, लेकिन सही आंकड़ा कभी सामने नहीं आया। इन आवासीय विद्यालयों में बच्चों को उनके माता-पिता से अलग कर दिया गया और उन्हें ईसाई बनाने का प्रयास किया गया। डेढ़ लाख कनाडाई आदिवासी बच्चों को सरकारी स्कूलों में एक साथ लाया गया। इस आयोग की ओर से 2015 में सौंपी गई रिपोर्ट के मुताबिक इन बच्चों की मौत की भीषण कहानियां सामने आईं|
इन बच्चों का शारीरिक और मानसिक शोषण किया जाता था। इससे बच्चों की मौत हो गई। कनाडा के किसी अन्य स्कूल में ऐसा नहीं हुआ है। इन स्कूलों में आधिकारिक तौर पर 4120 बच्चों की मौत हुई। उनमें से कई को टीबी था। लेकिन आयोग ने स्पष्ट कर दिया कि वास्तविक संख्या कभी सामने नहीं आएगी।
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