नई दिल्ली। रेप पीड़िता के परिवार से मिलकर उनकी तस्वीर ट्विटर पर साझा करने के मामले में राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता मकरंड सुरेश मडलेकर ने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी ने जुवेलाइन जस्टिस एक्ट और पीओसीएसओ एक्ट का उल्लंघन किया है। बता दें कि, दिल्ली से सटे एक एक गांव की 9 वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म के बाद हत्या करने का आरोप परिवार वालों ने लगाया है। उसके बाद राहुल गांधी इस परिवार से मिलकर उनकी तस्वीर ट्वीट कर दी थी।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, याचिकाकर्ता ने दिल्ली हाई कोर्ट से ट्विटर और दिल्ली पुलिस को निर्देश देने की मांग की है कि वे राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई करें। याचिका में कहा गया है, “दोनों कानूनों में प्रावधान है कि किसी भी नाबालिग पीड़िता के परिवार की तस्वीर शेयर नहीं की जा सकती है। ” हाई कोर्ट इस याचिका पर 11 अगस्त को सुनवाई कर सकता है।
इससे पहले राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी ट्विटर और दिल्ली पुलिस को पत्र भेजकर इस मामले में राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा था। आयोग का कहना था कि किसी भी नाबालिग पीड़िता के परिवार की तस्वीर ट्विटर पर पोस्ट करना जुवेनाइल जस्टिस एक्ट, 2015 की धारा 74 और पॉक्सो एक्ट की धारा 23 का उल्लंघन है। ट्विटर ने शुक्रवार रात राहुल गांधी के उस पोस्ट को हटा दिया था, जिसमें उन्होंने पीड़िता के माता-पिता से मुलाकात की तस्वीर शेयर की थी। कांग्रेस ने शनिवार शाम को दावा किया था कि राहुल गांधी का ट्विटर अकाउंट अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है, लेकिन माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि “यह अकाउंट अभी सेवा में बना हुआ है।”
इसके बाद कांग्रेस ने कहा कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष का अकाउंट अस्थायी रूप से ‘लॉक’ किया गया है। कांग्रेस ने शनिवार शाम अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, “राहुल गांधी का अकाउंट अस्थायी रूप से निलंबित हुआ है और इसकी बहाली के लिए जरूरी प्रक्रिया चल रही है। इस पर ट्विटर ने कहा कि अगर कोई अकाउंट निलंबित किया जाता है तो उसे लोग देख नहीं सकते. बाद में कांग्रेस ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “अकाउंट को अस्थायी रूप से लॉक किया गया है। ”