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Monday, March 10, 2025
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‘स्पेस टेक फॉर गुड गवर्नेंस’: भारत का अंतरिक्ष बजट 10 वर्षों में लगभग तीन गुना बढ़ा!

अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी अब हर भारतीय घर का अभिन्न अंग बन गई है, जो अंतरिक्ष विभाग के सैटेलाइट द्वारा सक्षम विभिन्न शासन सेवाओं को सशक्त बना रही है।

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‘स्पेस टेक फॉर गुड गवर्नेंस’ सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार ने यह बताया कि पिछले 10 वर्षों में भारत का अंतरिक्ष बजट लगभग तीन गुना बढ़ा है, जो कि 2013-14 में 5,615 करोड़ रुपये से बढ़कर 2025-26 में 13,416 करोड़ रुपये हो गया है। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के अनुसार, ”भारत की अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी अब केवल रॉकेट के लॉन्च तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पारदर्शिता, शिकायत निवारण और नागरिक भागीदारी को बढ़ावा देकर शासन में क्रांति लाने में भी प्रमुख भूमिका निभा रही है।”

उन्होंने ‘स्पेस टेक फॉर गुड गवर्नेंस’ सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “इस प्रक्रिया में भ्रष्ट आचरण की गुंजाइश कम हुई है, समय सीमा का पालन करने में अधिक अनुशासन आया है और लालफीताशाही कम हुई है।”अंतरिक्ष स्टार्टअप की संख्या एक से बढ़कर 300 से अधिक हो गई है, जिससे भारत वैश्विक अंतरिक्ष बाजार में प्रमुख राजस्व जनरेटर के रूप में स्थापित हो गया है।

भारत ने 433 विदेशी सैटेलाइट लॉन्च किए हैं, जिनमें से 396 को 2014 से लॉन्च किया गया है, जिससे 192 मिलियन डॉलर और 272 मिलियन यूरो का राजस्व प्राप्त हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर जोर देते हुए डॉ. सिंह ने बताया कि कैसे अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी सुशासन के माध्यम से आम नागरिकों के जीवन को आसान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी अब हर भारतीय घर का अभिन्न अंग बन गई है, जो अंतरिक्ष विभाग के सैटेलाइट द्वारा सक्षम विभिन्न शासन सेवाओं को सशक्त बना रही है। डॉ. सिंह ने बताया कि अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी राष्ट्रीय रक्षा, सीमा निगरानी और भू-राजनीति खुफिया जानकारी में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो भारत की सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देती है।

केंद्रीय मंत्री ने स्टार्टअप और आजीविका सृजन के साथ शासन प्रथाओं को बदलने के लिए भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र के बढ़ते महत्व को एक आकर्षक अवसर के रूप में रेखांकित किया।

केंद्रीय मंत्री ने भारत के कृषि क्षेत्र में अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी की भूमिका पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय लेने, मौसम पूर्वानुमान, संचार, आपदा तैयारी, पूर्व चेतावनी प्रणाली, शहरी नियोजन और सुरक्षा में सुधार करने में एक अमूल्य शक्ति गुणक बन गया है।

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