उत्तर अमेरिका में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सर्वर और उच्च स्तरीय कंप्यूटिंग उपकरणों की बढ़ती मांग ने ताइवान की प्रमुख कंपनियों को चीन से उत्पादन हटाकर मेक्सिको की ओर मोड़ने के लिए मजबूर कर दिया है। फॉक्सकॉन (Foxconn), पेगाट्रॉन (Pegatron) और क्वांटा (Quanta) जैसी दिग्गज कंपनियां अब मेक्सिको में अपने बड़े निवेश और उत्पादन सुविधाएं खड़ी कर रही हैं। इसका सीधा मकसद है, अमेरिकी हाइपरस्केलर कंपनियों (जैसे गूगल, अमेज़न, माइक्रोसॉफ्ट) की डिमांड को पूरा करना, सप्लाई चेन का जोखिम घटाना और अमेरिका-मेक्सिको-कनाडा समझौते (USMCA) के तहत नज़दीकी बाजारों को सप्लाई करना।
ताइवान की कंपनियां वर्षों से चीन में सर्वर और हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग उपकरणों का उत्पादन करती रही हैं। लेकिन अब हालात बदल रहे हैं। पहला कारण है अमेरिकी कंपनियों की मांग कि संवेदनशील और महंगे एआई हार्डवेयर को उत्तरी अमेरिका में ही बनाया जाए ताकि भू-राजनीतिक जोखिम और लॉजिस्टिक देरी से बचा जा सके। दूसरा कारण है अमेरिका और मेक्सिको की कोशिश कि एक क्षेत्रीय सेमीकंडक्टर और एडवांस्ड कंप्यूटिंग इकोसिस्टम खड़ा किया जाए, जो चीन पर निर्भरता को घटा सके।
इस दिशा में कई कूटनीतिक और औद्योगिक पहलें भी हुई हैं। 2023 में ताइवान एक्सटर्नल ट्रेड डेवलपमेंट काउंसिल ने 20 कंपनियों का मेक्सिको दौरा कराया था ताकि नए मैन्युफैक्चरिंग विकल्प तलाशे जा सकें। इसके बाद अमेरिकी विदेश मंत्रालय और मेक्सिको ने सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन मैपिंग और विकास के लिए साझेदारी की घोषणा की।
फॉक्सकॉन ने ग्वाडलजारा में एनवीडिया (Nvidia) के नवीनतम सुपरचिप्स (GB200 Blackwell) के लिए दुनिया की सबसे बड़ी असेंबली यूनिट बनाने का दावा किया है। साथ ही कंपनी अमेरिका में समानांतर (mirror) प्रोडक्शन लाइनें भी लगा रही है ताकि टैक्स और नीति से जुड़े जोखिमों से बचा जा सके।
पेगाट्रॉन ने घोषणा की है कि 2025 की तीसरी तिमाही से वह मेक्सिको में एआई सर्वर का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू करेगी। यह सुविधा ऑटोमेशन आधारित होगी, जिससे शुरुआती चरण में स्थानीय प्रतिभा की कमी को पूरा किया जा सके।
क्वांटा ने न्यूवो लियोन (Nuevo León) में 1 अरब डॉलर का निवेश किया है, जिससे हजारों नौकरियां भी पैदा हो रही हैं। यह इलाका टेक्सास के करीब होने के कारण अमेरिकी बाजार की डिमांड पूरी करने के लिए रणनीतिक रूप से अहम है।
हालांकि यह बदलाव आसान नहीं है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने कनाडा पर 35% और मेक्सिको पर 30% टैरिफ लगाने की धमकी दी है। अभी मेक्सिको ने 90 दिन की राहत अवधि हासिल कर ली है, जिसके दौरान वह अमेरिका से कूटनीतिक बातचीत कर रहा है। यदि यह बातचीत विफल रही, तो मेक्सिको में बने एआई सर्वरों की लागत बढ़ सकती है और उत्पादन योजनाएं धीमी हो सकती हैं।
मेक्सिको खुलकर टकराव से बचते हुए पर्दे के पीछे कूटनीतिक बातचीत कर रहा है। सुरक्षा सहयोग और आर्थिक संवाद के जरिए उसने अमेरिका से टकराव की बजाय भरोसे का माहौल बनाने की कोशिश की है। इस रणनीति से ताइवानी कंपनियों को राहत मिली है, जिससे वे अपनी उत्पादन योजनाओं को आगे बढ़ा पा रही हैं।
भले ही कूटनीति और निवेश सही दिशा में जा रहे हों, मेक्सिको के सामने बड़ी चुनौतियां हैं। देश में बिजली की कमी, पानी की उपलब्धता और तकनीकी श्रमिकों की कमी उत्पादन की रफ्तार पर असर डाल सकती है। एआई सर्वर मैन्युफैक्चरिंग ऊर्जा और पानी दोनों के लिहाज़ से भारी-भरकम प्रक्रिया है। इसके अलावा सीमा पार लॉजिस्टिक्स, कस्टम क्लियरेंस और उद्योगिक परमिट भी बड़ी बाधाएं बने हुए हैं।
अगले 90 दिन बेहद अहम हैं। अगर अमेरिका और मेक्सिको के बीच टैरिफ पर कोई ठोस समझौता हो गया, तो मेक्सिको एआई हार्डवेयर मैन्युफैक्चरिंग का स्थायी केंद्र बन सकता है। वहीं, अगर अनिश्चितता बढ़ी, तो ताइवान की कंपनियां “ट्विन-प्लांटिंग” रणनीति अपनाएंगी — यानी उत्पादन का बड़ा हिस्सा मेक्सिको में और संवेदनशील हिस्से अमेरिका में।
स्पष्ट है कि एआई हार्डवेयर की वैश्विक दौड़ अब सिर्फ तकनीक की नहीं, बल्कि भू-राजनीति, कूटनीति और क्षेत्रीय ढांचे पर भी निर्भर करती है।
यह भी पढ़ें:
दीवार फांदकर संसद परिसर में घुसा शख्स, जांच में जुटी एजेंसियाँ!
मुंबई इस्कॉन मंदिर को धमकी भरा ईमेल, सुरक्षा एजेंसियाँ अलर्ट!
मोदी की यात्रा के दौरान जापान घोषित करेगा भारत में 10 ट्रिलियन येन का निवेश!
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों की बर्बरता: तिरंगा फहराने पर युवक की हत्या!



