बांग्लादेशी क्रिकेट फैन रबी-उल-इस्लाम, अलियास टाइगर रॉबी को उनके देश बांग्लादेश में वापस भेज दिया (deported) गया है। भारत में कानपुर के एक स्टेडियम में उन पर हमला किया गया ऐसा दावा करने के बाद बांग्लादेश का टेस्ट मैच ख़त्म होने से पहले आरोप वापस ले लिया, जिसके बाद उसे अपने देश बांग्लादेश में निर्वासित करने की बात सामने आयी है।
हालांकि अतिरिक्त डीसीपी राजेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि मेटास्टैटिक कैंसर से पीड़ित रॉबी मेडिकल वीजा पर भारत आया था और अधिकारियों ने उसकी इच्छा के अनुसार उसकी घर वापसी की यात्रा की व्यवस्था भी की। शनिवार को पुलिस कर्मियों की सुरक्षा में रॉबी को चकेरी हवाईअड्डे ले जाया गया, वहां से उसने दिल्ली उड़ान भरने तक वे वहीं रहे। अधिकारी ने बताया कि बांग्लादेशी नागरिक ने दोपहर में दिल्ली हवाईअड्डे से ढाका के लिए उड़ान भरीदौरान उसे हवाईअड्डा परिसर से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गई।
एडीसीपी श्रीवास्तव ने बताया की, रॉबी मेडिकल वीजा मिलने के बाद 18 सितंबर को हावड़ा के एक अस्पताल में इलाज कराने के लिए भारत आया था, लेकिन बांग्लादेश टीम का समर्थन करने के लिए चेन्नई चला गया, वहां से बांग्लादेश को सपोर्ट करने कानपूर चले गया। शुक्रवार को मीडिया से संक्षिप्त बातचीत के दौरान रॉबी ने संकेत दिया था कि एक विवाद के दौरान उसके पेट में मुक्का मारा गया था।
हालांकि बाद में अस्पताल के बिस्तर से जारी एक बयान में उसने कहा कि वह केवल अस्वस्थ महसूस कर रहा था और स्थानीय पुलिस ने उन्हें अपेक्षित सहायता दी थी। उसने अपनी पुलिस के समक्ष वीडियो क्लीप में कहा,”मैं बीमार पड़ गया और पुलिस मुझे अस्पताल ले आई। अब मैं काफी बेहतर महसूस कर रहा हूं।”
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अधिकारियों के अनुसार, रॉबी गुरुवार रात को कानपुर पहुंचा था और उसे मजदूरों के साथ सड़क पर सोना पड़ा। एसीपी (कल्याणपुर) अभिषेक पांडे ने कहा कि रोबी को तत्काल चिकित्सा देखभाल मिली। साथ ही इस बात पर जोर देकर कहा कि उस पर हमला नहीं किया गया था जैसा कि शुरुआती रिपोर्टों में आरोप लगाया गया था। सूत्रों ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि मेडिकल वीजा होने के बावजूद उसने मैचों के लिए यात्रा कैसे की, जिसके बाद उसे निर्वासित कर दिया गया।