स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन को आज एक साल हो गया है। आज भी लताजी के चाहनेवाले उनके जाने के गम से उभर नहीं पाए हैं। उनके परिवार को हर पल उनकी छोटी-छोटी बातें याद आती रहती हैं। उनके निधन की खबर ने पूरी इंडस्ट्री की आंखों को नम कर दिया था। एक साल पहले आज ही के दिन लता मंगेशकर ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। वह कोरोना से संक्रमित थीं, जिसके बाद उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लता मंगेशकर को खोने के बाद भारत ने एक अनमोल रत्न खो दिया था।
लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में हुआ था। लता मंगेशकर के पिता दीनानाथ मंगेशकर मराठी थिएटर अभिनेता, निर्देशक थे। लता मंगेशकर ने देश-विदेश की कई भाषाओं में गाने गाए थे। हिंदी फिल्मों के पार्श्वगायन से करियर शुरू करने के बाद उनके नाम सबसे ज्यादा गाना गाने का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री यानी बॉलीवुड के सभी महान संगीतकारों, गायकों के साथ पार्श्वगायन कर चुकीं लता मंगेशकर के परिवार में उनकी बहन आशा भोंसले और उषा मंगेशकर भी प्लेबैक सिंगर हैं।
वहीं लता मंगेशकर की पहली पुण्यतिथि के मौके पर, सेंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने ओडिशा के पुरी समुद्र तट पर उनकी मूर्ति बनाई है। आर्टिस्ट ने लताजी की तस्वीर को साथ-साथ म्यूजिक इंस्ट्यूमेंट भी बनाया है। लता मंगेशकर की रेत बनाी गई ये मूर्ति करीब 6 फीच ऊंची है। इसके साथ ही उन्होंने इस मूर्ति के साथ उन्होंने लिखा है ‘भारत रत्न लता जी को श्रद्धांजलि, मेरी आवाज ही पहचान है’। ये देखने में बेहद ही शानदार है।
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