पश्चिम एशिया में बीते 21 महीनों से जारी खूनी संघर्ष के बीच शांति की एक नई किरण दिख रही है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि इजरायल 60 दिनों के संघर्षविराम (सीजफायर) पर सैद्धांतिक सहमति जता चुका है। ट्रंप ने यह भी स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर हमास इस प्रस्ताव को नहीं मानता, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।
अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर ट्रंप ने कहा, “मेरे प्रतिनिधियों ने गाजा संघर्ष को लेकर इस्राइली नेतृत्व से लंबी और सकारात्मक बैठक की है। इस बैठक में इस्राइल ने 60 दिन के युद्धविराम के लिए आवश्यक शर्तों पर सहमति जताई है।” उन्होंने यह भी कहा कि इस संघर्षविराम के दौरान सभी पक्षों के साथ मिलकर स्थायी शांति की दिशा में काम किया जाएगा।
ट्रंप ने कतर और मिस्र की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि इन देशों ने शांति स्थापना के प्रयासों में कड़ी मेहनत की है। “यह प्रस्ताव अब उनके माध्यम से पेश किया जाएगा। यह एक निर्णायक क्षण हो सकता है,” ट्रंप ने कहा।
ट्रंप का बयान उस समय आया है जब गाजा में हजारों नागरिकों की मौत और मानवीय संकट के चलते वैश्विक दबाव लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि मध्य पूर्व की भलाई के लिए हमास इस समझौते को स्वीकार करेगा, क्योंकि इससे बेहतर मौका नहीं मिल सकता।” उन्होंने चेतावनी दी कि अगर हमास ने प्रस्ताव को नहीं माना, तो हालात और भी खराब हो सकते हैं।
गाजा पट्टी और इस्राइल के बीच अक्टूबर 2023 से जारी टकराव में अब तक हजारों लोग मारे जा चुके हैं और लाखों लोग विस्थापित हुए हैं। हालिया हफ्तों में हिंसा और बढ़ी है, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता गहराई है। अब ट्रंप के इस बयान के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि शायद पश्चिम एशिया के इस सबसे लंबे चल रहे संघर्ष में कम से कम एक अस्थायी विराम की शुरुआत हो सके।
संक्षेप में, डोनाल्ड ट्रंप का यह प्रस्ताव न केवल पश्चिम एशिया की शांति बहाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, बल्कि यह संकेत भी देता है कि अमेरिका, इस्राइल और अन्य मध्यस्थ देश इस बार परिणाम देने वाले समाधान की ओर बढ़ रहे हैं। अब सबकी निगाहें हमास की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं।
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