पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव शुरू होते ही तृणमूल कांग्रेस के चार कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई है। राज्य में हिंसा की अलग-अलग घटनाओं में तृणमूल कांग्रेस के चार और भाजपा तथा कांग्रेस के एक-एक कार्यकर्ता की मौत हो गई।कांग्रेस और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के कार्यकर्ताओं पर प्रतिद्वंद्वी दलों द्वारा हमला किए जाने का आरोप लगाया गया है।
शनिवार सुबह सात बजे कड़ी सुरक्षा के बीच पंचायत मतदान शुरू हुआ। हिंसा प्रभावित जिलों में से एक मुर्शिदाबाद जिले के कापासडांगा इलाके में तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ता बाबर अली की हत्या कर दी गई। इस बीच, शुक्रवार को उसी जिले के रेजिनगर में एक क्रूड बम विस्फोट में एक तृणमूल कार्यकर्ता की भी मौत हुई थी।
जिले के खारग्राम में एक और तृणमूल कार्यकर्ता की चाकू मारकर हत्या कर दी गई। शनिवार को कूचबिहार जिले के फलीमारी में अज्ञात हमलावरों ने भाजपा के पोलिंग एजेंट माधव विश्वास की गोली मारकर हत्या कर दी। तो, भाजपा कार्यकर्ता सुबल मन्ना और उनके साथियों ने पूर्वी मिदनापुर के सोनाचुरा ग्राम पंचायत के तृणमूल बूथ अध्यक्ष देवकुमार राय पर कथित तौर पर हमला किया। जलपाईगुड़ी में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने एक तृणमूल उम्मीदवार पर हमला किया। हालांकि, हिंसा के मद्देनजर राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग कर रहे विपक्षी दलों पर तृणमूल कांग्रेस ने जोरदार हमला बोला है।
कूचबिहार के रामपुर में भी गणेश सरकार नामक तृणमूल बूथ कमेटी के अध्यक्ष की चाकू मारकर हत्या कर दी गई। घटना शुक्रवार देर रात की है। वहीं, एक अन्य घटना में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के कार्यकर्ता हफीजुर रहमान गोली लगने से घायल हो गए। घटना कूचबिहार जिले के ओकराबारी गांव की है। रहमान कांग्रेस प्रत्याशी अंसार अली के चाचा थे।
नादिया जिले के गजना ग्राम पंचायत में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर तृणमूल कार्यकर्ताओं पर हमला किया। नारायणपुर-1 ग्राम पंचायत में एक तृणमूल उम्मीदवार के पति पर सीपीआई (एम) कार्यकर्ताओं द्वारा हमला करने का आरोप लगाया गया है। तृणमूल ने आरोप लगाया है कि मतदान शुरू होने से पहले सीपीआई (एम) कार्यकर्ताओं ने हसीना सुल्ताना के पति पर गोलीबारी की।
राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली की 73,887 सीटों के लिए कुल 2.06 लाख उम्मीदवार मैदान में हैं। 8 जून को चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद राज्य भर में हिंसा की छिटपुट घटनाएं हुईं। इसमें 15 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। 22 जिलों में 63,229 ग्राम पंचायत सीटें और नौ,730 पंचायत समिति सीटें हैं, जबकि दार्जिलिंग और कलिम्पोंग में गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) और सिलीगुड़ी उप-विभागीय परिषद के साथ दो स्तरीय प्रणाली है। यहां के 20 जिलों में 928 सीटें हैं।
चुनाव के मद्देनजर राज्य में केंद्रीय बलों की कम से कम 600 इकाइयां तैनात की गई हैं, जिनमें लगभग 70,000 कर्मी शामिल हैं। 2018 में हुए पिछले पंचायत चुनाव में तृणमूल ने करीब 34 फीसदी सीटों पर निर्विरोध जीत हासिल की थी, जबकि बाकी सीटों के लिए हुए चुनाव में उसने 90 फीसदी सीटों पर जीत हासिल की थी।
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