लातूर जिले के तालेगांव के 103 किसानों की जमीन पर वक्फ बोर्ड ने दावा किया है, जिससे ग्रामीणों में डर बना है। बोर्ड ने 300 एकड़ जमीन पर दावा किया है।
जब गांव के लोगों से इस बारे में पूछा गया तो उनके चेहरे पर ये डर देखा जा सकता है। एक शख्स ने कहा कि नोटिस मिले दो महीने हो गए हैं और हम इस सिलसिले में वकीलों के पास गए। यह नोटिस उन्हें दिखाया गया। वक्फ बोर्ड का कहना है कि हमने ये जमीनें गांववालों को दी हैं, अब वे हमें वापस करें। ग्रामीणों का कहना है कि हमारे पास पहले से ही एक-दो एकड़ जमीन है। अगर वक्फ बोर्ड उन्हें भी ले लेगा तो किसान क्या करेंगे?
किसानों ने अपने दस्तावेज भी दिखाए। उनके पास निज़ामकालीन शासन के दस्तावेज़ हैं। लेकिन वक्फ बोर्ड के इस दावे से ग्रामीणों में डर का माहौल पैदा हो गया है क्योंकि वक्फ बोर्ड ने एक बार दावा किया था कि जमीन उनके हाथ से निकल गई है, अब जनता के मन में एक भावना है।
एक किसान ने इस जमीन के संबंध में हैदराबाद गजट दिखाया तब से यह दस्तावेज किसान के पास है। उन्होंने कहा कि हमारे पास यह दस्तावेज तब का है जब बीदर एक जिला था। हमारे पूर्वजों ने तब जमीन खरीदी थी।
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फिलहाल वक्फ एक्ट के खिलाफ एक बिल संसद में मंजूरी का इंतजार कर रहा है। इस कानून के कारण कई जमीनें हड़प ली गई हैं और उन्हें वापस पाने के लिए आम लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी है। देशभर में लोग इस कानून को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।