ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फाहान न्यूक्लियर साइट्स पर अमेरिका द्वारा किए गए हमले ने पूरी दुनिया को चौंका दिया। लेकिन इस सैन्य कार्रवाई में सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बना — B-2 स्पिरिट स्टेल्थ बॉम्बर, जो अमेरिका की सबसे गोपनीय और खतरनाक हथियार प्रणालियों में से एक है। 21 जून को किए गए हमले में इसी विमान ने ईरान के “क्राउन ज्वेल” माने जाने वाले फोर्डो एनरिचमेंट साइट को नेस्तनाबूद कर दिया।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले की घोषणा करते हुए कहा, “फोर्डो अब खत्म हो चुका है। यह हमारे द्वारा किए गए बेहद सफल हमले का परिणाम है।” उन्होंने फोर्डो को ईरान के परमाणु कार्यक्रम का सबसे मजबूत और सुरक्षित अड्डा बताया।
क्या है B-2 स्पिरिट?
B-2 स्पिरिट कोई सामान्य विमान नहीं है। यह शीत युद्ध के दौर में नॉर्थरॉप ग्रुम्मन द्वारा बनाया गया था, खासतौर पर दुश्मन की भारी सुरक्षा के बीच गहराई तक बमबारी करने के लिए। दुनिया में इसके सिर्फ 21 यूनिट बनाए गए हैं और हर एक की लागत करीब 2.1 बिलियन डॉलर बताई जाती है।
इसकी चमगादड़ जैसी आकृति सिर्फ देखने में अनोखी नहीं, बल्कि इसका डिजाइन और इसमें प्रयुक्त सामग्री इसे रडार से बचने में मदद करते हैं। कहा जाता है कि इसकी रडार सिग्नेचर इतनी कम है कि यह एक पक्षी की तरह दिखाई देता है।
B-2 ने कैसे किया फोर्डो पर हमला?
B-2 की असली ताकत तब देखने को मिली जब उसने फोर्डो साइट पर GBU-57A/B Massive Ordnance Penetrator (MOP) बम गिराए। ये बम करीब 30,000 पाउंड वजनी होते हैं और खासतौर पर भूमिगत और मजबूत किलेबंद ठिकानों को नष्ट करने के लिए बनाए गए हैं।
फोर्डो साइट एक पहाड़ के नीचे स्थित है और इसे कई स्तर की वायु सुरक्षा प्रणाली से संरक्षित किया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, B-2 ने वहां 6 MOP बम गिराए। यह हमला अमेरिका के टेरिटरी से सीधा उड़ान भरकर किया गया — और यह B-2 की असाधारण रेंज को दर्शाता है।
B-2 को क्यों माना जाता है “सबसे घातक”?
B-2 स्पिरिट को उसकी अद्वितीय तकनीकी क्षमताओं और डिजाइन के कारण दुनिया का सबसे घातक बमवर्षक विमान माना जाता है। इसकी सबसे बड़ी ताकत है इसकी स्टेल्थ तकनीक, जो इसे रडार पर लगभग अदृश्य बना देती है। इसका चमगादड़ जैसा आकार और इसमें इस्तेमाल की गई विशेष सामग्री इसे दुश्मन के डिटेक्शन सिस्टम से छुपाने में सक्षम बनाती है।
यह विमान बिना ईंधन भरे लगभग 11,000 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है, जिससे यह दुनिया के किसी भी कोने में जाकर हमला करने और सुरक्षित लौटने में सक्षम है। इसके अलावा इसकी पेलोड क्षमता भी बेहद प्रभावशाली है — यह 40,000 पाउंड तक पारंपरिक और परमाणु हथियार ले जा सकता है। इसके शस्त्र भंडार में GBU-57A/B बंकर बस्टर, JDAM (GPS-गाइडेड बम), JSOW (ग्लाइड बम) और JASSM (क्रूज़ मिसाइल) जैसी एडवांस तकनीक शामिल है।
B-2 की एक और बड़ी विशेषता इसका हाईली ऑटोमेटेड सिस्टम है, जिससे यह सिर्फ दो पायलटों द्वारा संचालित किया जा सकता है। यह स्वचालन इसे न केवल कुशल बनाता है, बल्कि युद्ध के हालात में तीव्र और सटीक प्रतिक्रिया देने में भी सक्षम बनाता है। इन सभी क्षमताओं को मिलाकर B-2 स्पिरिट आधुनिक युद्ध का ऐसा हथियार बन गया है, जो दुश्मन को तबाह करने से पहले दिखाई भी नहीं देता।
ईरान की न्यूक्लियर संरचना पर यह हमला B-2 स्पिरिट की असली क्षमताओं का जीवंत उदाहरण बन गया है — बिना किसी पूर्व चेतावनी के गहराई में घुसकर, सबसे सुरक्षित ठिकानों को नष्ट करना और फिर बिना कोई निशान छोड़े वापस लौट आना।
B-2 अब केवल अमेरिका की सैन्य शक्ति का प्रतीक नहीं, बल्कि आधुनिक युद्धनीति का चेहरा बन चुका है। और यदि ईरान ने जवाबी कार्रवाई की, तो यह साफ है कि अमेरिका और भी घातक तकनीकें मैदान में उतार सकता है।
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