रविवार (22 जून) तड़के भारतीय समयानुसार लगभग 4:30 बजे, अमेरिकी वायु सेना ने ईरान की तीन प्रमुख न्यूक्लियर साइट— फोर्डो, नतांज और इस्फाहान— पर एक साथ भीषण बमबारी की। हमले के कुछ घंटे बाद व्हाइट हाउस से राष्ट्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे “स्पेक्टैक्युलर मिलिट्री सक्सेस” करार दिया और दावा किया कि इस ऑपरेशन ने तेहरान की परमाणु संवर्धन क्षमता को पूरी तरह नष्ट कर दिया है।
ट्रंप ने सुस्पष्ट किया कि यह अमेरिका की पहली प्रत्यक्ष सैन्य भागीदारी है जिसे इज़रायल के साथ समन्वयित कर ईरान पर अंजाम दिया गया। उन्होंने कहा, “ईरान, मध्य पूर्व का बुली अब शांति करे। अगर वे ऐसा नहीं करते, तो भविष्य के हमले कहीं अधिक बड़े और बहुत आसान होंगे। याद रखिए, कई लक्ष्य अभी बचे हैं। आज रात का लक्ष्य सबसे कठिन था और संभवतः सबसे घातक।”
राष्ट्रपति ने ऑपरेशन का मूल उद्देश्य बताते हुए कहा, “हमारा उद्देश्य ईरान की परमाणु संवर्धन क्षमता का विनाश और दुनिया में आतंकवाद के नंबर वन प्रायोजक द्वारा उत्पन्न परमाणु ख़तरे को समाप्त करना था। आज रात मैं दुनिया को रिपोर्ट कर सकता हूँ कि ये हमले अभूतपूर्व सैन्य सफलता रहे। ईरान की मुख्य संवर्धन–सुविधाएँ पूरी तरह तबाह हो चुकी हैं।”
ट्रंप ने आगे चेतावनी दी, “यदि जल्दी शांति नहीं आती, तो हम उन अन्य लक्ष्यों पर अद्वितीय सटीकता, गति और कौशल के साथ कार्रवाई करेंगे।” उन्होंने इज़रायल की भूमिका का ज़िक्र करते हुए कहा, “मैं प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को धन्यवाद और बधाई देना चाहता हूँ। हमने ऐसी टीमवर्क दिखाई है जैसी शायद ही कभी देखी गई हो। इज़रायल के लिए इस भयावह ख़तरे को मिटाने की दिशा में हमने लंबी दूरी तय कर ली है।”
सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करके ट्रंप ने पुष्टि की, “हमने ईरान में तीनों न्यूक्लियर साइट पर अपना अत्यंत सफल हमला पूरा कर लिया है। प्राथमिक स्थल फोर्डो पर फुल पेलोड ऑफ बॉम्ब्स गिराया गया। सभी विमान अब ईरानी हवाई सीमा से बाहर सुरक्षित लौट रहे हैं।”
अन्य रिपोर्टों के अनुसार, फोर्डो पर B-2 स्टील्थ बॉम्बर ने छह बंकर-बस्टर बम गिराए, जबकि नतांज और इस्फाहान पर 30 टॉमहॉक मिसाइलें दागी गईं। CBS News का हवाला देते हुए सरकारी सूत्रों ने बताया कि वॉशिंगटन ने इस हमले को सीमित और “रीजीम चेंज” से असंबद्ध बताते हुए तेहरान को कूटनीतिक संदेश भी भेजा।
ट्रंप का यह ताज़ा रुख ऐसे समय आया है जब इज़रायल एक सप्ताह से अधिक समय से ईरान के वायु-रक्षा और मिसाइल ढाँचे पर हमले कर रहा है। अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें ईरान की प्रतिक्रिया पर टिक गई हैं। विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि अगर हालात नहीं सँभले तो क्षेत्रीय संघर्ष के व्यापक युद्ध में बदलने की आशंका है।
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