रविवार सुबह भारतीय समयानुसार करीब 4:30 बजे, अमेरिका ने ईरान की तीन प्रमुख न्यूक्लियर साइट्स — फोर्डो, नतांज और एस्फाहान — पर जोरदार एयर स्ट्राइक की। इस हमले के कुछ ही समय बाद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश को संबोधित करते हुए इस सैन्य कार्रवाई को “ईरान की न्यूक्लियर एनरिचमेंट कैपेसिटी को तबाह करने” की कोशिश बताया।
ट्रंप ने अपने संबोधन में कहा, “या तो शांति होगी या त्रासदी। अभी कई टारगेट बचे हैं। अगर शांति जल्दी नहीं आती है, तो हम और अधिक सटीक हमलों के साथ अन्य लक्ष्यों पर हमला करेंगे।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि जिन ठिकानों को निशाना बनाया गया, वे सबसे कठिन और संवेदनशील माने जाते थे।
ट्रंप ने स्पष्ट किया कि अमेरिका का लक्ष्य है कि ईरान की परमाणु क्षमता को स्थायी रूप से खत्म किया जाए। उन्होंने ईरान पर पिछले चार दशकों से अमेरिका के खिलाफ षड्यंत्र करने और अमेरिकी नागरिकों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “कई अमेरिकी इस नफरत का शिकार हुए हैं, इसलिए अब यह और नहीं चलेगा।”
हमले के बाद ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट ‘ट्रुथ’ पर लिखा, “हमने ईरान में तीन न्यूक्लियर साइट्स पर अपना बहुत सफल हमला पूरा कर लिया है, जिसमें फोर्डो, नतांज और एस्फाहान शामिल हैं। सभी प्लेन अब ईरान के एयर स्पेस से बाहर हैं। हमारे महान अमेरिकी योद्धाओं को बधाई। दुनिया में कोई और सेना नहीं है, जो ऐसा कर सकती थी। अब शांति का समय है! इस मामले पर आपका ध्यान देने के लिए धन्यवाद।”
इसके अतिरिक्त उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि ईरान ने इज़रायल के साथ अपना संघर्ष नहीं रोका, तो अमेरिका और भी सटीक तथा विनाशकारी हमले करेगा। ट्रंप ने कहा, “ईरान को अब संघर्ष खत्म करने के लिए सहमत होना चाहिए। अगर वह ऐसा नहीं करता, तो उस पर और बड़े हमले किए जाएंगे।”
गौरतलब है कि इस हमले ने वैश्विक स्तर पर हलचल मचा दी है और कई रणनीतिक विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह टकराव एक बड़े युद्ध का रूप ले सकता है। अब सबकी निगाहें ईरान की प्रतिक्रिया और विश्व समुदाय के अगले कदम पर टिकी हैं।
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