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26/11 आतंकवादी हमले से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने क्या सबक सीखा?

इस हमले के बाद भारत की सुरक्षा व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन आया। 26/11 हमले के बाद भारत ने ऐसे फैसले लिए जिससे भारत की पूरी व्यवस्था ही बदल गई|

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26 नवंबर 2008 को दस पाकिस्तानी आतंकवादियों ने देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर हमला कर नरसंहार किया था। इस घटना को पन्द्रह वर्ष बीत गये। अजमल कसाब ने पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों के साथ सीएसएमटी स्टेशन, कामा अस्पताल, लियोपोल्ड कैफे, ताज, हिल्टन टॉवर, यहूदी धार्मिक स्थल चबाड हाउस आदि पर क्रूर हमलों में 18 सुरक्षाकर्मियों और 164 नागरिकों को मार डाला,300 से ज्यादा लोग घायल हुए| इस हमले के बाद भारत की सुरक्षा व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन आया। 26/11 हमले के बाद भारत ने ऐसे फैसले लिए जिससे भारत की पूरी व्यवस्था ही बदल गई|

मुंबई पर 26/11 के हमले के बाद सरकार और देश के नीति निर्माताओं को फैसले लेने थे| इस हमले के बाद भारतीय अधिकारियों और नेताओं की कूटनीति के कारण आज दुनिया में पाकिस्तान को आतंकवाद के प्रायोजक के रूप में चित्रित किया गया है। पाकिस्तान के माथे पर लगा ये दाग इतनी जल्दी नहीं मिट सकता. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है| पाकिस्तान पिछले 15 सालों से दिवालिया होने की कगार पर है| 26/11 हमले के बाद भारतीयों ने सुरक्षा बढ़ा दी| समुद्री सुरक्षा बढ़ा दी गई। देश की खुफिया एजेंसियां अलर्ट हो गईं| आतंकवादियों की जाँच के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एनआईए जैसी एजेंसी की स्थापना की गई।

वहीं भारत की अर्थव्यवस्था टॉप 5 में आ गई है. 10 नवंबर, 2023 को प्रकाशित फोर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। अगर यही गति जारी रही तो भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी। आज भारत रूस के साथ अपने संबंध बरकरार रखते हुए भी अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के करीब हो गया है। पिछले एक दशक में भारत की आर्थिक और सामरिक ताकत बढ़ी है।
क्या है पाकिस्तान की स्थिति?: 11 सितंबर 2001 को अमेरिका पर हुए हमले के बाद अमेरिका खुद आतंकवाद की चपेट में आ गया था| मुंबई पर 26/11 के हमले ने 9/11 का वही सदमा दिया है जो अमेरिका को 22 साल पहले झेलना पड़ा था। तो अमेरिका ने भी पाकिस्तान के प्रति अपनी नीति बदल दी| मुंबई पर 26/11 हमले के बाद देशभर में पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश था| 1980 से लेकर 2020 तक भारत को आतंकवाद का सामना करना पड़ा। आतंकवाद के कारण देश ने दो प्रधानमंत्रियों को खोया है। जम्मू-कश्मीर और पंजाब को आतंकवाद का सामना करना पड़ा। इसके लिए पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद भी जिम्मेदार है|
पाकिस्तान के बचाव का रास्ता बंद: 26/11 हमले के सबूतों को भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर रखा, जिससे पाकिस्तान दुनिया भर में मशहूर हो गया। लेकिन भारत को दुनिया भर से समर्थन मिला है|  इस हमले में सात देशों के नागरिकों के मारे जाने से पूरी दुनिया में आतंकवाद फैल गया है| मुंबई हमले में पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई और पाकिस्तानी सेना का हाथ होने के सबूत दुनिया भर में सामने आए|
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