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Saturday, July 27, 2024
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शिंदे समिति बर्खास्त करें, मराठों के कुनबी प्रमाणपत्र रद्द किया जाये? भुजबल ने  गिराया बम!

छगन भुजबल ने मांग की है कि इस कमेटी को खत्म किया जाए और दो महीने में दिए गए कुनबी सर्टिफिकेट भी रद्द किए जाएं| छगन भुजबल ने इस समय जातिवार जनगणना की भी मांग की| सबकी जनगणना करो| छगन भुजबल ने यह भी मांग की है कि सभी का सर्वे कराया जाए और फिर पिछड़ापन तय किया जाए|

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राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने हिंगोली में ओबीसी एल्गार परिषद की ओर से बड़ा बम गिराया है| राज्य सरकार ने मराठा समुदाय के पिछड़ेपन का निर्धारण करने के लिए शिंदे समिति का गठन किया है। छगन भुजबल ने मांग की है कि इस कमेटी को खत्म किया जाए और दो महीने में दिए गए कुनबी सर्टिफिकेट भी रद्द किए जाएं| छगन भुजबल ने इस समय जातिवार जनगणना की भी मांग की| सबकी जनगणना करो| छगन भुजबल ने यह भी मांग की है कि सभी का सर्वे कराया जाए और फिर पिछड़ापन तय किया जाए|
ओबीसी एल्गार परिषद की ओर से छगन भुजबल ने जोरदार हमला बोला| इस बार उन्होंने कुछ चीजों की मांग की| सारथी को जो मिला वह ओबीसी की महाज्योति और सबको दे दो। मराठों के पिछड़ेपन को साबित करने के लिए शिंदे समिति बनाई गई है। हाई कोर्ट ने कहा कि मराठा समुदाय पिछड़ा नहीं है| तो फिर ये शिंदे समिति किसलिए है? शिंदे कमेटी को ही ख़त्म कर दो। उन्हें किसी को जज करने का कोई अधिकार नहीं है| दो माह में जारी कुनबी प्रमाणपत्रों पर रोक लगाएं। छगन भुजबल ने कहा, यह काम नहीं करेगा।

तुलनात्मक अध्ययन करें: निर्वाचन आयोग, गायकवाड आयोग का कोई आदेश होगा| उन्हें बताया गया कि मराठों के पिछड़ेपन को कैसे साबित किया जाए,लेकिन अकेले मराठा समुदाय के सर्वेक्षण से काम नहीं चलेगा| सभी का सर्वेक्षण करें| देखें कि कोई समाज दूसरों से आगे है या नहीं और फिर दें। आप किसी एकल समाज का सर्वेक्षण कैसे करते हैं? यह काम नहीं करेगा| कौन सा समाज पिछड़ा है इसका तुलनात्मक अध्ययन होना चाहिए। निर्वाचन आयोग को तुलनात्मक अध्ययन करने के लिए कहा गया है। भुजबल ने कहा, फिर तय करें कि पीछे कौन है|

दूध का दूध, पानी का पानी होने दीजिए: मंडल आयोग ने कहा कि हम 54 प्रतिशत हैं। बिहार में जनगणना हुई| उसमें हमने 63 प्रतिशत छोड़ दिया| भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले कहते हैं जनगणना कराओ| एनसीपी नेता शरद पवार कहते हैं कि जनगणना कराओ| अजितदादा पवार कहते हैं कि खर्च होने दो, लेकिन जनगणना करो। राहुल गांधी कहते हैं जनगणना कराओ| अरे एक बार जनगणना तो कराओ| होने दो दूध का दूध, पानी का पानी. तब दलित आदिवासियों और पिछड़ों की ताकत का पता चलेगा| बिहार कर सकता है जनगणना, महाराष्ट्र क्यों नहीं? उन्होंने यह भी कहा कि जो भी होगा हम स्वीकार करने को तैयार हैं|

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