चंद्रयान 3 की सफलता के बाद अब गगनयान मिशन की चर्चा शुरू हो गई है| चंद्रयान मिशन की सफलता से इसरो का वर्चस्व वैश्विक मंच कायम हो गया है| पिछले कुछ वर्षों में इसरो ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। इसरो ने विभिन्न कृत्रिम उपग्रहों को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में लॉन्च करने के अपने प्रयास भी जारी रखे हैं। तो अब कौन सा अभियान, कब, कब, इस पर चर्चा चल रही है|
फिलहाल इसरो गगनयान मिशन पर फोकस कर रहा है। इस मिशन के जरिए भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा|हालांकि, जब गगनयान मिशन की चर्चा चल रही थी, तो भारतीय अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा पर कब उतरेंगे, इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने विस्तृत जानकारी दी है।
अंतरिक्ष में शून्य गुरुत्वाकर्षण है। इस संबंध में विभिन्न प्रौद्योगिकियां विकसित की जा रही हैं जिनका उपयोग अंतरिक्ष शटल मिशन में किया जाएगा। यदि चंद्रमा पर उतरना कोई दुर्घटना नहीं है, इसके लिए चंद्रमा पर निरंतर अभियानों की आवश्यकता होगी, तब यह वास्तविकता बन जाएगी। यहां तक कि 20240 तक चंद्रमा पर भी उतर सकते हैं। दुनिया भर के कई देश चांद पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। सभी जानते हैं कि अमेरिका और चीन जैसे देश क्यों ध्यान दे रहे हैं |
सोमनाथ ने आगे कहा कि इसरो का लक्ष्य 2028 तक भारत के अंतरिक्ष स्टेशन को अंतरिक्ष में लॉन्च करना है। अंतरिक्ष यात्रियों को लंबे समय तक रहने के लिए एक पूर्ण क्षमता वाला अंतरिक्ष स्टेशन 2035 तक पूरा हो जाएगा। इस उद्देश्य से दीर्घकालीन अंतरिक्ष यात्रा के प्रयासों पर ध्यान दिया जायेगा। इतना ही नहीं इसरो अध्यक्ष ने कहा कि मार्स लैंडर मिशन को वीनस मिशन और चंद्रयान 3 मिशन की तरह ही माना जा रहा है|
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