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Monday, December 8, 2025
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जानें ‘सेतु बंध सर्वांगासन’ करने का सही तरीका और लाभ, कमरदर्द में है कारगर !

थायरॉइड जैसी समस्याओं का हल

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योग, भारत की प्राचीन जीवनशैली प्रणाली, आज भी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का एक भरोसेमंद उपाय बना हुआ है। ऐसे ही एक प्रभावी योगासन का नाम है सेतु बंध सर्वांगासन, जिसे आम भाषा में ‘ब्रिज पोज’ कहा जाता है। यह आसन न केवल कमर दर्द और थायरॉइड जैसी परेशानियों में राहत देता है, बल्कि तनाव, पाचन संबंधी समस्याएं, और महिलाओं के पीरियड्स से जुड़ी तकलीफों में भी उपयोगी माना गया है।

यह आसन मुख्य रूप से रीढ़, हैमस्ट्रिंग, ग्लूट्स और कंधों की मांसपेशियों को मजबूत करता है और फेफड़ों तथा छाती को खोलने में मदद करता है, जिससे सांस लेने की क्षमता बेहतर होती है। आयुष मंत्रालय के अनुसार, इसका नियमित अभ्यास पीठ के निचले हिस्से की जकड़न, थायरॉइड ग्रंथि की सुस्ती, हार्मोनल असंतुलन, तनाव, अवसाद और रक्त संचार की खराबी जैसी समस्याओं को कम करने में सहायक होता है।

कैसे करें ‘सेतु बंध सर्वांगासन’?

सेतु बंध सर्वांगासन करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल ज़मीन पर सीधा लेटना चाहिए। दोनों हाथ शरीर के बगल में इस प्रकार रखें कि हथेलियां नीचे की ओर हों। इसके बाद दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ें और एड़ियों को धीरे-धीरे कूल्हों के पास ले आएं ताकि पैर ज़मीन पर मजबूती से टिके रहें।

अब गहरी सांस लेते हुए धीरे-धीरे कूल्हों को ऊपर की ओर उठाएं। शरीर इस अवस्था में एक पुल जैसा आकार लेता है, इसलिए इसे ‘ब्रिज पोज़’ भी कहा जाता है। इस दौरान कंधे और सिर ज़मीन पर ही टिके रहें और गर्दन पर कोई दबाव न आए। जब शरीर पूरी तरह ऊपर उठ जाए, तब इस स्थिति को 10 से 15 सेकंड तक बनाए रखें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें।

इसके बाद धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए कूल्हों को नीचे लाएं और शरीर को पुनः आराम की स्थिति में ले आएं। इस प्रक्रिया को 3 से 5 बार दोहराया जा सकता है। नियमित अभ्यास से यह आसन शरीर को मजबूत बनाने के साथ मानसिक संतुलन भी प्रदान करता है।

सावधानियां

सेतु बंध सर्वांगासन करते समय कुछ महत्वपूर्ण सावधानियों का पालन करना आवश्यक है। यदि किसी व्यक्ति को गर्दन, पीठ या कंधे में कोई चोट है तो उसे यह आसन नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे चोट बढ़ सकती है। गर्भवती महिलाओं को भी इस आसन से परहेज करना चाहिए, क्योंकि यह पेट और निचले शरीर पर दबाव डालता है।

इस आसन का अभ्यास हमेशा खाली पेट करना चाहिए, यानी भोजन के कम से कम तीन से चार घंटे बाद। अभ्यास के दौरान जरूरत से ज़्यादा जोर नहीं लगाना चाहिए, और अगर किसी को कोई पुरानी बीमारी है या पहली बार यह आसन कर रहा है, तो पहले डॉक्टर या किसी अनुभवी योग विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लेनी चाहिए।

इस प्रकार, यदि सावधानीपूर्वक और सही तकनीक से किया जाए, तो सेतु बंध सर्वांगासन अनेक शारीरिक और मानसिक समस्याओं से राहत दिलाने में सहायक हो सकता है।

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