मुंबई। कोरोना महामारी के चलते बीते डेढ़ साल से जहां विविध उद्योगधंधों-व्यापारिक प्रतिष्ठानों से जुड़े लोगों समेत नौकरीपेशा तक सब कोई भारी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, वहीं हरेक नजरिए से देश भर में सर्वोच्च बांग्ला के समानांतर विकसित मराठी रंगकर्म से जुड़े कलाकार भी कामकाज के अभाव में हाशिए पर हैं और गहरी वित्तीय विपन्नता में जीने को मजबूर हैं। महाराष्ट्र में सभी रंगकर्मियों ने मिल करके अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अगस्त क्रांति दिवस पर सोमवार को राज्यव्यापी आंदोलन करने का ऐलान किया है। यह आंदोलन राज्य भर के 35 जिलों में एक साथ किया जाएगा।
रंगकर्मियों का अनोखा राज्यव्यापी आंदोलन: जाने-माने रंगकर्मी-अभिनेते-दिग्दर्शक विजय पाटकर ने बताया है कि मुंबई में इस आंदोलन के तहत सभी रंगकर्मी सुबह 10 बजे हिंदमाता टॉकीज के सामने स्थित चित्रपटमहर्षि दादासाहेब फालके की प्रतिमा के पास एकत्रित होकर ‘ जागर रंगकर्मी ‘ कार्यक्रम की प्रस्तुति देंगे तथा अपनी मांगों में निहित शिकायतों को अनोखे अंदाज में ठाकरे सरकार के संज्ञान में लाएंगे।
उन्होंने बताया कि मांगों में रंगकर्मियों के लिए रोजगार गारंटी योजना लागू करने और कोरोना से पूर्व की स्थिति बहाली तक सभी को उदर्रनिर्वाह के लिए न्यूनतम 5-5 हजार रुपए जाने आदि का समावेश है। आंदोलन में निर्माता, नाट्य प्रबंधक, बुंकिग क्लर्क, बेंजो पार्टी, शाहिर, तमाशा कलाकार, हिंदी-मराठी के गायक-वादक, रंगमंच से जुड़े बैकस्टेज कामगार आदि सहभागी होंगे। विजय पाटकर का कहना है कि आंदोलन राजनीति व संगठन-नेतृत्व से परे है, जिसका न तो कोई अध्यक्ष है और न ही सचिव। यह विशुद्ध तौर पर कलाकारों का कलाकारों के हक में आंदोलन है।
ठाकरे सरकार का सिर्फ वादा, कोई मदद नहीं: उनका कहना है कि बीते डेढ़ साल से ठाकरे सरकार सिर्फ मदद का वादा करती आई है, वास्तविक रूप से किसी तरह की मदद उपलब्ध नहीं है। लिहाजा, रंगकर्मियों का यह आंदोलन बेहद गंभीरतापूर्ण रहेगा। ठाकरे सरकार मनोरंजन-जगत की हमदर्द होने का केवल दम भरती है, हकीकत में मदद के लिए कोई कदम नहीं उठाती।