इंडोनेशिया के बाली द्वीप में सक्रिय ज्वालामुखी लेवोटोबी लाकी-लाकी के विस्फोट के बाद बड़ा हवाई संकट पैदा हो गया है। एयर इंडिया की फ्लाइट AI-2145, जो दिल्ली से बाली के लिए रवाना हुई थी, को माउंट लेवोटोबी के विस्फोट के कारण वापस दिल्ली लौटना पड़ा। एयरलाइन ने यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए यह निर्णय लिया।
एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, “AI-2145 फ्लाइट सुरक्षित रूप से दिल्ली लौट आई है और सभी यात्री सकुशल उतर चुके हैं। हम यात्रियों को हुई असुविधा के लिए खेद प्रकट करते हैं।” एयर इंडिया ने यात्रियों के लिए होटल में ठहरने की व्यवस्था की है और फ्लाइट कैंसलेशन या कॉम्प्लीमेंट्री रिशेड्यूलिंग का विकल्प भी उपलब्ध कराया है।
इंडोनेशिया के गुस्ती नगुराह राय अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के ऑपरेटर अंगकासा पुरा के अनुसार, बाली आने-जाने वाली दर्जनों उड़ानें रद्द की गई हैं। इनमें एयर इंडिया के साथ-साथ एयरएशिया, जेटस्टार, एयर न्यूजीलैंड, सिंगापुर की टाइगरएयर और चीन की जुनेयाओ एयरलाइंस की फ्लाइट्स शामिल हैं।
इंडोनेशिया डिजास्टर मिटिगेशन एजेंसी के मुताबिक, मंगलवार (17 जून)रात से ही ज्वालामुखी की राख पास के गांवों पर गिरनी शुरू हो गई थी, जिसके चलते स्थानीय प्रशासन ने एक बस्ती को खाली करवाया। अधिकारियों ने माउंट लेवोटोबी लाकी-लाकी को चार-स्तरीय खतरे के पैमाने पर उच्चतम अलर्ट स्तर पर रखा है। ‘लेवोटोबी’ फ्लोरेस द्वीप के दक्षिणपूर्व में स्थित एक जुड़वां ज्वालामुखी है, जिसमें लेवोटोबी लाकी-लाकी और लेवोटोबी पेरेम्पुआन शामिल हैं। इनमें से लाकी-लाकी अधिक सक्रिय है और वर्तमान विस्फोट इसी ज्वालामुखी से हुआ है।
वर्तमान पूर्वानुमानों के अनुसार, ज्वालामुखी से निकली राख का प्रभाव रात तक कम हो सकता है, जिसके बाद बाली के एयर ट्रैफिक को धीरे-धीरे बहाल करने की संभावना है।
यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि प्राकृतिक आपदाएं अंतरराष्ट्रीय यात्रा को किस तरह से प्रभावित कर सकती हैं। एयर इंडिया और अन्य एयरलाइनों ने संकट की घड़ी में यात्रियों के हित में त्वरित निर्णय लेकर राहत प्रदान की है। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे अपनी उड़ानों की स्थिति की अद्यतन जानकारी एयरलाइन की वेबसाइट और एयरपोर्ट अधिकारियों से लेते रहें।
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