आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू जिले में बुधवार(18जून) को पुलिस और माओवादियों के बीच हुई भीषण मुठभेड़ में सीपीआई (माओवादी) के तीन शीर्ष नेता मारे गए। मुठभेड़ देवीपटनम के घने जंगलों में हुई, जहां विशिष्ट माओवादी विरोधी बल ग्रेहाउंड्स की टीम तलाशी अभियान चला रही थी।
पुलिस के अनुसार, आंध्र-ओडिशा सीमा पर कोंडामोडालु के पास मारेदुमिल्ली और रामपचोड़वरम मंडलों के बीच जंगलों में चल रहे सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों ने कुछ संदिग्ध गतिविधि देखी। जब जवानों ने माओवादियों को आत्मसमर्पण करने को कहा, तो माओवादियों ने अचानक गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में तीन माओवादी ढेर हो गए।
मारे गए शीर्ष माओवादी
मारे गए माओवादियों की पहचान निम्न प्रकार से हुई है:
- गजरला रवि उर्फ उदय: आंध्र-ओडिशा बॉर्डर (AOB) स्पेशल जोन कमेटी के सचिव और सीपीआई (माओवादी) की केंद्रीय समिति का सदस्य।
- अरुणा: AOB स्पेशल जोन कमेटी की सदस्य और केंद्रीय समिति सदस्य चलापथी की पत्नी।
- अंजू: AOB की एसोसिएट कमेटी मेंबर (ACM)।
गौरतलब है कि अरुणा वर्ष 2018 में टीडीपी नेताओं — अराकू विधायक किदारी सर्वेश्वर राव और पूर्व विधायक सिवेरी सोमा — की हत्या में शामिल थी। अरुणा के सिर पर ₹25 लाख और रवि पर भी ₹25 लाख का इनाम घोषित था।सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ स्थल से तीन एके-47 राइफलें बरामद की हैं। मारे गए माओवादियों के शवों को रामपचोड़वरम क्षेत्रीय अस्पताल भेजा गया है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने मुठभेड़ स्थल का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस मुठभेड़ को AOB क्षेत्र में सक्रिय माओवादी नेटवर्क के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। एओबी क्षेत्र को माओवादी छत्तीसगढ़ के दंडकारण्य और झारखंड के इलाकों के बीच एक सुरक्षित मार्ग मानते थे। हाल ही में छत्तीसगढ़ में चलाए गए ऑपरेशन कगार में कई माओवादियों के मारे जाने के बाद AOB में यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है।
आंध्र प्रदेश पुलिस और ग्रेहाउंड्स की यह कार्रवाई माओवादी नेटवर्क के खिलाफ एक निर्णायक कदम माना जा रहा है। सुरक्षा बलों की सक्रियता और लगातार ऑपरेशन से माओवादी गतिविधियों को कमजोर करने की रणनीति अब प्रभावी साबित होती दिख रही है।
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