महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों पर कठोर सजा दिलाने वाले शक्ति फौजदारी कानून के कुछ बिंदुओं के बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से जानकारी मांगी है। राज्य के पुलिस महानिदेशक रजनीश सेठ जल्द ही अपनी रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजेंगे।
विधान परिषद में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने यह जानकारी दी। मंगलवार को सदन में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने नियम 97 के तहत अल्पकालीन चर्चा के माध्यम से भंडारा दुष्कर्म की घटना का मुद्दा उठाया था। इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने कहा कि शक्ति कानून को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए 31 जनवरी 2022 को भेजा गया है। शक्ति कानून केंद्र सरकार के लगभग 8 मंत्रालयों के पास आवश्यक स्वीकृति के लिए जाएगा। इसलिए इन आठ मंत्रालयों को जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार की ओर से एक अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि शक्ति कानून को मंजूरी के लिए आवश्यकता पड़ी तो मैं खुद दिल्ली जाऊंगा। इस बीच उपमुख्यमंत्री ने कहा कि भंडारा दुष्कर्म मामले की एसआईटी जांच चल रही है। पीड़िता के स्वास्थ्य में सुधार के बाद उसकी सर्जरी की जाएगी। पीड़िता को मनोधैर्य योजना का प्राथमिक लाभ दिया जा चुका है।
दो पुलिस अधिकारी निलंबित: उपमुख्यमंत्री ने कहा कि भंडारा दुष्कर्म मामले में लाखनी पुलिस स्टेशन के दो अफसरों को निलंबित कर दिया गया है। इसके एक महिला पुलिस कर्मी के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि महिला अत्याचार मामले को लेकर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) है। पुलिस और अस्पताल को इस एसओपी का पालन सख्ती से करने के निर्देश दिए जाएंगे। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पुणे के मावल में सात वर्षीय बच्ची के साथ अत्याचार कर हत्या मामले का आरोपी 24 साल का युवक पोर्न एडिक्ट है। पुलिस ने इस मामले में गंभीरता से कार्रवाई की है। इस बीच उपमुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड के कार्यक्रम में जाने वाली महिला के साथ हुई मारपीट की जांच की जाएगी।
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