मुंबई। महाराष्ट्र के बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने सोमवार को एनसीपी नेता और मंत्री हसन मुश्रीफ पर परिवार के सदस्यों और कंपनियों के जरिये बेनामी संपत्तियां बनाने का आरोप लगाया। वहीं, शिवसेना ने सोमैया के आरोपों को नकारते हुए कहा कि यह निराधार आरोप है। बता दें कि इससे पहले एनसीपी नेता अनिल देशमुख पर वसूली का आरोप लग चुका है। इतना ही नहीं उन्हें आरोप के बाद अपना पद भी छोड़ना पड़ा।
मुंबई में सोमैया ने आरोप लगाया कि मुश्रीफ और उनके परिवार के सदस्यों ने कंपनियों का एक जाल बनाया है और कोलकाता की उन कंपनियों के साथ लेन-देन किया है जिनका केवल नाम है। मुंबई के पूर्व सांसद ने दावा किया कि वित्तीय लेनदेन से पता चलता है कि उनके बैंक खाते में उन कंपनियों ने पैसा आ रहा था जो वास्तव में मौजूद नहीं है। सोमैया ने आगे बताया है कि उन्होंने इनकम टैक्स विभाग को वित्तीय लेनदेन और मुश्रीफ परिवार की गैर-पारदर्शी आय के बारे में जानकारी हासिल करवाई है।
सोमैया ने मुश्रीफ पर 100 करोड़ रुपए के वित्तीय लेनदेन का आयकर विभाग, ईडी और एसीबी से जांच कराने की मांग की। वहीं, एनसीपी के प्रवक्ता और राज्य मंत्री नवाब मलिक ने सोमैया पर निशाना साधा और उन पर महाविकास आघाड़ी (एमवीए) के नेताओं के खिलाफ निराधार आरोप लगाने का आरोप लगाया। मलिक ने कहा कि सोमैया को अब कोई गंभीरता से नहीं लेता है। उन्होंने कहा कि अदालत ने महाराष्ट्र सदन घोटाला मामले में राकांपा नेता छगन भुजबल को आरोपमुक्त कर दिया है, जिसमें सोमैया ने उन पर आरोप लगाए थे।
सोमैया ने मुश्रीफ पर 100 करोड़ रुपए के वित्तीय लेनदेन का आयकर विभाग, ईडी और एसीबी से जांच कराने की मांग की। वहीं, एनसीपी के प्रवक्ता और राज्य मंत्री नवाब मलिक ने सोमैया पर निशाना साधा और उन पर महाविकास आघाड़ी (एमवीए) के नेताओं के खिलाफ निराधार आरोप लगाने का आरोप लगाया। मलिक ने कहा कि सोमैया को अब कोई गंभीरता से नहीं लेता है। उन्होंने कहा कि अदालत ने महाराष्ट्र सदन घोटाला मामले में राकांपा नेता छगन भुजबल को आरोपमुक्त कर दिया है, जिसमें सोमैया ने उन पर आरोप लगाए थे।