पिछले एक साल से देश के नक्शे पर महाराष्ट्र को दहलाने वाले घोटालों का पूरा श्रेय ठाकरे सरकार को दिया जाना चाहिए। महाराष्ट्र को पूरे देश में चर्चित करने वाली इस सरकार के घोटालेबाजों को पुरस्कृत करने के लिए भाजपा अभियान शुरू करने जा रही है। राज्य में विभिन्न स्थानों पर होने वाले घोटालों के लिए घोटलारत्न, घोटला भूषण, घोटला वैभव और घोटाले सम्राट जैसे पुरस्कारों से नवाजा जाएगा। प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने यह जानकारी दी।
केशव ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में पिछले एक साल से परीक्षा में घोटाले बड़े पैमाने पर हो रहे हैं। हजारों उम्मीदवारों के भविष्य को अंधेरे में धकेलने में स्वास्थ्य मंत्री की भूमिका के लिए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे को पहली बार ‘घोटालरत्न’ दिया जाएगा, जो इस श्रृंखला का सर्वोच्च पुरस्कार है। पार्टी राज्यव्यापी समारोह में स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे को पुरस्कार प्रदान करेगी।
राजेश टोपे ने एक बार स्वास्थ्य विभाग में सी और डी ग्रुप की परीक्षाओं में अभूतपूर्व भ्रम पैदा करने के लिए उम्मीदवारों से माफी मांगी थी। टोपे, जो ठाकरे सरकार में एकमात्र मंत्री हैं जिन्होंने घोटाले के लिए माफी मांगी है, को सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। भाजपा ने अनिल देशमुख को भी पुरस्कार देने का फैसला किया था, लेकिन उन्होंने पहले ही पद छोड़ दिया है क्योंकि भ्रष्टाचार की वजह से उन्हें मंत्री के रूप में पद छोड़ना पड़ा था। उपाध्ये ने कहा कि बीजेपी चाहती है कि उन्हें सही जगह पर सही सम्मान दिया मिले।
भाजपा नेता ने कहा कि राजेश टोपे के स्वास्थ्य विभाग की तरह कई अन्य विभागों में भी घोटाले उजागर हो रहे हैं, ऐसे मंत्रियों को भी विभिन्न पुरस्कार दिए जाएंगे। इनमें घोटले भूषण, घोटाले वैभव, घोटाले सम्राट जैसे पुरस्कार शामिल हैं और पहले पुरस्कार समारोह की तरह, ये पुरस्कार समारोह विभिन्न स्थानों पर आयोजित किये जाएंगे। उपाध्ये ने कहा कि घोटालों की श्रृंखला में सर्वोच्च सम्मान, लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार भी प्रदान किया जाएगा।इसके लिए जनता की राय जानने के लिए जल्द ही एक राज्यव्यापी अभियान शुरू किया जाएगा।
उपाध्ये ने कहा कि सरकार में घोटालेबाजों को उनके कामों के लिए पुरस्कृत करने का राजनीति में यह पहला प्रयास है। हम पुरस्कार समारोह में शामिल होने के लिए गणमान्य व्यक्तियों को भी आमंत्रित करेंगे, लेकिन अगर वे घोटाले के काम के बोझ के कारण उपस्थित नहीं हो पाते हैं, तो उनकी प्रतिमा को पदक से सम्मानित किया जाएगा।
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