कश्मीरी पंडितों के खिलाफ कश्मीर घाटी में हिंसा और उनके पलायन के दर्द को पेश करने वाली फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की फिल्म दी कश्मीर फाइल के खिलाफ बांबे हाईकोर्ट में दाखिल याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। यह फिल्म आगामी 11 मार्च को सिनेमा घरों में प्रदर्शित होगी। इंतेजार हुसैन सैय्यद नामक व्यक्ति ने फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग को लेकर अदालत में याचिका दाखिल की थी। सैय्यद का कहना था कि इस फिल्म से एक धर्म विशेष के लोगों के खिलाफ नाराजगी पैदा होगी।
मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि उन्हें पूरी फिल्म को लेकर नहीं बल्कि फिल्म के कुछ दृश्यों को लेकर आपत्ति है। क्योंकि ये एक खास वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाता है। उन्होंने कहा कि हाल ही में उन्हें फिल्म के ट्रेलर से आपत्तिजनक दृश्यों की जानकारी मिली है।
इसलिए मेरे मुवक्किल ने सीधे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। क्योंकि फिल्म के दृश्य मेरे मुवक्किल के मौलिक अधिकारों का हनन करते है। फिल्म के दृश्य व संवाद भेदभावपूर्ण व मानहानि पूर्ण है। फिल्म का प्रदर्शन 11 मार्च 2022 को प्रस्तावित है। फिल्म निर्माता की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता रवि कदम ने कहा कि सेंसर बोर्ड ने नवंबर 2021 को प्रमाण पत्र जारी किया है।ऐसे में देखा जाए तो याचिकाकर्ता ने विलंब से याचिका दायर की है।
विवेक अग्निहोत्री फिल्म के निर्देशक है। जबकि फिल्म अभिनेता अनुपम खेर व मिथुन चक्रवर्ती सहित अन्य जाने-माने लोगों ने फिल्म में अभिनय किया है। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता चाहता तो सूचना के अधिकार के तहत फिल्म के प्रमाणपत्र के बारे में जानकारी हासिल कर सकता था। लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। और सीधे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। इस तरह खंडपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया।
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