30 C
Mumbai
Friday, December 26, 2025
होमन्यूज़ अपडेटकोरोना असर: डींग हांकने वाली ठाकरे सरकार विकास पर कितनी गंभीर

कोरोना असर: डींग हांकने वाली ठाकरे सरकार विकास पर कितनी गंभीर

जानिए, कैसे और कितना चलाई उसने ठाणे जिला परिषद की विकास निधि पर कैंची ?

Google News Follow

Related

ठाणे। वैश्विक महामारी कोरोना का असर अब ठाणे जिला परिषद के विकास कार्यों पर भी पड़ने के स्पष्ट आसार दिखाई दे रहे हैं। ठाणे जिला परिषद के इस बार पेश 85 करोड़ 50 लाख रुपए के सालाना बजट में राज्य की ठाकरे सरकार ने 40 फीसदी निधि की कटौती कर यह बता दिया है कि वह विकास कार्यों के प्रति कतई गंभीर नहीं है, महज डींगें हांकती है। ठाकरे सरकार की इस बदनीयती का खुलासा ठाणे जिला परिषद की ताजा आम सभा में हुआ है।

बीते साल का अध्यादेश इस बार भी लागू: ठाणे जिला परिषद के पिछले बजट में भी इसी तरह का मामला हुआ था, पर इस साल यह संभावना जताई जा रही थी कि शायद इस मर्तबा इसमें कुछ हद तक राहत प्रदान करते हुए राज्य सरकार उसे विकास के लिए और ज्यादा निधि देगी। परंतु राज्य सरकार ने पिछले वर्ष जारी किए अध्यादेश का हवाला देते हुए उसे इस वर्ष भी लागू करने का निर्देश दिया है।
आम सभा में मचा हंगामा: आम सभा में जिला परिषद के सर्वदलीय सदस्यों ने विकास निधि कटौती को लेकर मुद्दा उठाया और  इस पर भारी नाराजगी जताते हुए ठाकरे सरकार पर लानत भेजी। उनका कहना है कि अगर कोई अन्य विकल्प नहीं है, तो वह महज 25 फीसदी की ही कटौती करने करे। सुभाष घरत, गोकुल नाईक, कैलास पवार आदि वरिष्ठ सदस्यों ने तो इस कटौती को रद्द कर पूरी विकास निधि को लेकर इस दौरान हंगामा भी किया। जिला परिषद के उपाध्यक्ष सुभाष पवार व मुख्य कार्यकारी अधिकारी भाऊसाहेब दांगडे ने इन सदस्यों को सरकार के अध्यादेश की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार द्वारा यह जिला परिषद को 24 जून को ही प्राप्त हो चुका है।
 जिला परिषद की नहीं सुनती राज्य सरकार: सभा में विकास निधि में कटौती को लेकर सदस्यों ने जिला परिषद के अधिकारियों को भी आड़े हाथों लिया। कहा कि जिला परिषद व ग्रामीणों की समस्याओं को लेकर प्रशासन कतई गंभीर नहीं है तथा उनका पक्ष भी सरकार के पास सही तरीके से नहीं रखा जाता, इसी वजह से ग्रामीण क्षेत्रों की विकास निधि में  कटौती की जा रही है, जो बेहद अफसोसजनक है। सदस्यों ने कहा कि वन विभाग के पास अधिक काम न होने के बावजूद विकास कार्यों के लिए 35 करोड़ रूपए की निधि मिल रही है, लेकिन जिला परिषद के अंतर्गत विविध विकास कार्य हैं, जिन्हें पूरा किया जाना है। लेकिन इसके लिए सिर्फ 7 से 8 करोड़ रूपए की निधि मिलना समझ से परे है, उल्टे अब सरकार की तरफ से कटौती की जा रही है, जो कि खेदजनक है।
लटकी नल कनेक्शन योजना भी: सुभाष घरत का कहना है कि जल-जीवन मिशन के अंतर्गत प्रशासन ने पर्याप्त नल कनेक्शन किए जाने का आश्वासन दिया था, लेकिन निधि के अभाव में वह कार्य भी अधर में लटका हुआ है। सुभाष घरत ने सदन के संज्ञान में लाया कि जिले की मुरबाड़ तहसील में इस नल कनेक्शन योजना को अब तक बल नहीं मिल पाया है।

National Stock Exchange

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Star Housing Finance Limited

हमें फॉलो करें

151,572फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
285,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें