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Monday, July 14, 2025
होमन्यूज़ अपडेटइलॉन मस्क के जन्मदिन पर भारतीय युवा वैज्ञानिक का खास तोहफ़ा!

इलॉन मस्क के जन्मदिन पर भारतीय युवा वैज्ञानिक का खास तोहफ़ा!

‘Elon Musk: The Man Who Bends Reality’ पुस्तक की खास प्रस्तुति

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विश्व के अग्रणी उद्योगपति और नवाचार के प्रतीक इलॉन मस्क के ५४वें जन्मदिन पर एक भारतीय युवा ने उन्हें बेहद अनोखा और प्रेरणादायक तोहफ़ा दिया है। विवान कारुळकर नामक १८ वर्षीय लेखक और वैज्ञानिक ने मस्क के जीवन पर आधारित एक विशेष प्रेरणात्मक पुस्तक ‘Elon Musk: The Man Who Bends Reality’ लिखी है, जिसका सॉफ्ट लॉन्च आज उनके जन्मदिन के अवसर पर किया गया।

विवान ने बताया कि उन्होंने मस्क को आठ वर्ष की उम्र से अपना आदर्श माना है और पिछले दस वर्षों से उनके जीवन, सोच और भविष्यदृष्टि का गहरा अध्ययन किया है। यह पुस्तक मस्क के जीवन के कई अज्ञात प्रसंगों और प्रेरणादायक निर्णयों को सामने लाती है। साथ ही यह युवाओं को यह दिखाती है कि कैसे एक व्यक्ति अपने स्वप्नों को साकार करते हुए मानवता के लिए बदलाव ला सकता है।

विवान कहते हैं, “मैंने इस पुस्तक में मस्क द्वारा मानवता के लिए किए गए ४२ महत्वपूर्ण कार्यों का उल्लेख किया है। ये पुस्तक उनके बारे में केवल एक जीवनी नहीं, बल्कि एक प्रेरणास्रोत है। मैंने इसे उनके जन्मदिन पर प्रकाशित करने का निर्णय इसलिए लिया, क्योंकि मेरी अब तक की यात्रा का असली प्रेरणास्त्रोत वही रहे हैं।”

पहले भी रच चुकें है इतिहास:
विवान कारुळकर न केवल एक प्रतिभाशाली लेखक हैं, बल्कि वे देश के सबसे युवा वैज्ञानिकों में भी गिने जाते हैं। महज १५ वर्ष की उम्र में, उन्होंने Near Earth Object (NEO) खोज प्रणाली पर आधारित एक प्रोजेक्ट तैयार किया, जिसके लिए उन्हें इन-प्रिन्सिपल पेटेंट भी मिला। यह उपलब्धि उन्हें भारत के सबसे कम उम्र के खोजकर्ताओं में शामिल करती है। इसके बाद १६ वर्ष की उम्र में, विवान ने अपनी पहली पुस्तक “सनातन धर्म: सर्व विज्ञान का वास्तविक स्रोत” लिखी। यह पुस्तक २२ जनवरी २०२४ को अयोध्या स्थित राम मंदिर में चंपत राय (ट्रस्ट के महासचिव) के हाथों विमोचित की गई और उसे गर्भगृह में रामलल्ला के चरणों में विशेष सम्मान के साथ रखा गया।

१७ वर्ष की आयु में, उन्होंने अपनी दूसरी पुस्तक “सनातन धर्म: सर्व तकनीक का वास्तविक स्रोत” लिखी, जिसका प्रकाशन १५ नवंबर २०२४ को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत और ISRO के अध्यक्ष एस. सोमनाथ के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। विवान का यह योगदान केवल साहित्यिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक, वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

१८ वर्ष की आयु में, विवान ने तीसरी पुस्तक के रूप में इलॉन मस्क पर यह प्रेरणात्मक जीवनी प्रस्तुत की है, जो विज्ञान और आध्यात्मिकता के अद्भुत संगम की दिशा में उनका अगला कदम माना जा रहा है।

विवान का मानना है कि विज्ञान, सनातन परंपरा का एक अंश मात्र है और आज की पीढ़ी को सपने देखने, प्रश्न पूछने और नवसृजन करने की प्रेरणा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक सिर्फ मस्क के लिए नहीं, बल्कि हर उस युवा के लिए है जो सीमाओं को तोड़कर कुछ नया करना चाहता है।

यह पुस्तक आज अमेरिका भेजी गई है और विवान की इच्छा है कि वह इसे स्वयं मस्क को भेंट करें – यह उनके प्रति सम्मान और कृतज्ञता का प्रतीक होगा।

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