महाराष्ट्र में बेमौसम बारिश से फसल बर्बाद होने के बाद महाराष्ट्र के एक किसान की भावुक वीडियो ने देशभर का ध्यान खींचा है। वीडियो में वाशीम जिले के किसान गौरव पवार को बाजार में जमीन पर भीगी हुई मूंगफली की फसल को बचाने के लिए नंगे हाथों से कोशिश करते हुए देखा गया। इस दृश्य ने सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो भारत के किसानों की कठिन स्थिति को उजागर कर दिया।
*किसानों के साथ खड़ी है सरकार*
महाराष्ट्र के किसान गौरव पंवार के मार्मिक वीडियो ने हृदय को विचलित कर दिया है, जिनकी मूंगफली की फसल असमय बारिश के कारण बर्बाद हो गई है। किसान होने के नाते उनकी पीड़ा को समझा जा सकता है। सरकार ने उन्हें ढांढस बंधाया है और नुकसान की भरपाई करने … pic.twitter.com/Mm3E0RuDrk— Rajnitik Kranti (@RajnitikKranti) May 18, 2025
वीडियो से भावुक हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद गौरव पंवार को फोन कर बात की और उन्हें हरसंभव मदद का भरोसा दिया। चौहान ने कहा, “वीडियो देखकर बहुत पीड़ा हुई। लेकिन चिंता मत करिए, महाराष्ट्र सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील है। मैंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, कृषि मंत्री और जिलाधिकारी से बात कर ली है। आपको मुआवजा और सहायता मिलेगी। हम आपके साथ हैं।”
मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि गौरव पवार के मामले में सोमवार (19 मई) से ही कार्य शुरू हो जाएगा और इस बात को दोहराया कि “ऐसी स्थितियों में कोई भी किसान अकेला नहीं छोड़ा जाएगा।” गौरव पवार ने बातचीत के दौरान बताया कि बारिश में भीगने से वह बीमार भी हो गए हैं।
यह वीडियो महाराष्ट्र में किसानों पर टूट रही प्राकृतिक आपदा की बड़ी तस्वीर का प्रतीक बन चुका है। राज्य के कई हिस्सों—खासकर विदर्भ और मराठवाड़ा—में हाल की बारिश और ओलावृष्टि ने हजारों किसानों की खड़ी फसलों को नष्ट कर दिया है। भारत मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और बारिश की चेतावनी दी है, जिससे किसानों की चिंताएं और बढ़ गई हैं।
शिवराज सिंह चौहान की त्वरित प्रतिक्रिया को किसानों के प्रति एक संवेदनशील और निर्णायक पहल के रूप में देखा जा रहा है। इस हस्तक्षेप के बाद स्थानीय प्रशासन ने भी तेजी दिखाते हुए फसल क्षति का आकलन शुरू कर दिया है और राहत वितरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में पिछले कुछ वर्षों से मौसम में अनियमितता और प्राकृतिक आपदाएं लगातार किसानों की आजीविका पर संकट बनकर टूट रही हैं। ऐसे में केंद्र सरकार का यह कदम किसान को राहत देगा, और प्रदेश के किसानों को आश्वस्त करने का भी काम करेगा कि सरकार उनके साथ खड़ी है।
