एनसीबी के जोनल डाईरेक्टर समीर वानखेडे के पिता ज्ञानदेव वानखेडे द्वारा राज्य के अल्पसंख्यक कल्य़ाण मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर मानहानि मामले में हाईकोर्ट ने मलिक को नोटिस जारी किया है। पिछले दिनों मलिक ने अदालत को आश्वासन दिया था कि इस मुकदमे के निपटारे तक वे वानखेडे परिवार के खिलाफ कोई बयान नहीं देंगे पर वानखेडे के वकील ने अदालत से कहा कि मलिक ने बीते 3 दिसंबर को फिर समीर वानखेडे के खिलाफ टिप्पणी की। यह बात जानने के बाद हाईकोर्ट ने मलिक को नोटिस जारी करते हुए पूछा कि क्यों न आप को अदालत की मानहानि का दोषी माना जाए।
इस पर खंडपीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि मंत्री मलिक ने कोर्ट को दिए अपने आश्वासन को तोड़ा है। इसलिए हम मामले में कोई कार्रवाई करने से पहले उन्हें मामले को लेकर हलफनामा दायर करने का निर्देश देते हैं। कोर्ट ने मलिक से जानना चाहा है कि उनके खिलाफ न्यायालय की अवमाना की कार्रवाई क्यों न की जाए। खंडपीठ ने अब मामले की सुनवाई 10 दिसंबर 2021 को रखी है।
गौरतलब है कि मंत्री मलिक ने इससे पहले एनसीबी अधिकारी वानखेडे के जन्मप्रमाणपत्र को लेकर सवाल उठाया था। इसके साथ ही दावा किया था कि एनसीबी अधिकारी ने फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल की है। कुछ दिनों पहले मलिक ने एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेडे की मां के मृत्यु प्रमाणपत्र को लेकर सवाल उठाए थे। यही नहीं मलिक ने एनसीबी अधिकारी के पिता का नाम ज्ञानदेव होने की बजाय दाऊद होने का दावा किया था। मानहानि के दावे में ज्ञानदेव ने सवा करोड़ रुपए के मुआवजे की मांग की है और मलिक को उनके परिवार के बारे में मीडिया व सोशल मीडिया में बोलने से रोकने का आग्रह किया है।
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