भारत में 5वीं पीढ़ी के देसी फाइटर जेट्स एएमसीए निर्माण को हरी झंडी !

वीरुपक्ष रडार बना गेमचेंजर

भारत में 5वीं पीढ़ी के देसी फाइटर जेट्स एएमसीए निर्माण को हरी झंडी !

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भारत ने अपने पहले स्वदेशी 5वीं पीढ़ी के फाइटर जेट प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है। ‘एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट’ (AMCA) नामक इस महत्वाकांक्षी योजना पर करीब ₹15,000 करोड़ खर्च होंगे। मंगलवार को रक्षा मंत्रालय द्वारा दी गई मंजूरी के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि भारत अब स्टील्थ फाइटर जेट निर्माण की दिशा में ठोस कदम बढ़ा चुका है। उम्मीद की जा रही है कि 2035 तक भारतीय वायुसेना को पहला देसी 5वीं पीढ़ी का फाइटर जेट मिल जाएगा। भारत ने केवल फाइटर जेट ही नहीं, बल्कि दुश्मन के उन्नत विमानों को डिटेक्ट करने वाला एक शक्तिशाली रडार सिस्टम भी तैयार किया है।

भारतीय वायुसेना को 42 स्क्वाड्रन की जरूरत है, लेकिन वर्तमान में उसके पास केवल 32 स्क्वाड्रन हैं, यानी करीब 180 फाइटर जेट्स की कमी है। ऐसे में AMCA प्रोजेक्ट न केवल स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देगा, बल्कि देश की सुरक्षा जरूरतों को भी पूरा करेगा।

भारत ने केवल फाइटर जेट ही नहीं, बल्कि दुश्मन के उन्नत विमानों को डिटेक्ट करने वाला एक शक्तिशाली रडार सिस्टम भी तैयार किया है। इस रडार सिस्टम का नाम है ‘वीरुपक्ष’ — जिसे DRDO ने विकसित किया है। यह गैलियम नाइट्राइड आधारित AESA (Active Electronically Scanned Array) रडार है, जो 600 किमी दूर से 5वीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट्स को भी डिटेक्ट करने की क्षमता रखता है।

यह रडार सिस्टम अब भारतीय वायुसेना के Su-30 MKI जैसे 4.5 पीढ़ी के विमानों में लगाया जा रहा है। इससे ये विमान भी अत्याधुनिक क्षमताओं से लैस होकर स्टील्थ विमानों को चुनौती दे सकेंगे। इस तकनीकी उपलब्धि को चीन के J-20 और J-35 जैसे विमानों के लिए बड़ा खतरा माना जा रहा है।

रडार की ताकत: वीरुपक्ष बनाम दुनिया

भारत अब सिर्फ रक्षा उपकरणों का आयातक नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी निर्माता बन रहा है। ब्रह्मोस मिसाइल, आकाश डिफेंस सिस्टम और अब वीरुपक्ष जैसे रडार इस दिशा में ठोस संकेत हैं।

AMCA प्रोजेक्ट और वीरुपक्ष रडार सिस्टम भारत की सुरक्षा रणनीति में क्रांतिकारी बदलाव लाने जा रहे हैं। जहां एक ओर चीन और पाकिस्तान की ओर से दोहरा खतरा बना हुआ है, वहीं भारत ने तकनीक और आत्मनिर्भरता के बल पर इसका ‘काल’ तैयार कर लिया है। अब भारतीय फाइटर जेट्स केवल उड़ेंगे नहीं, बल्कि दुश्मन की आंखों से छिपे फाइटर्स को भी दूर से पहचानकर खत्म कर सकेंगे। यह भारत की रक्षा तैयारियों में एक ऐतिहासिक मोड़ साबित हो सकता है।

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