इजरायल और ईरान के बीच जारी युद्ध तथा अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए बमबारी के बीच मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव को लेकर भारत में ईंधन आपूर्ति को लेकर चिंता जताई जा रही थी। लेकिन केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रविवार (22 जून) को स्पष्ट कर दिया कि भारतीय उपभोक्ताओं को ईंधन की आपूर्ति में कोई बाधा नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि सरकार हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और देश के पास पर्याप्त भंडार मौजूद है।
मंत्री पुरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपने बयान में कहा, “हम पिछले दो सप्ताह से मध्य पूर्व की भू-राजनीतिक स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमने अपनी ऊर्जा आपूर्ति को विविध किया है। अब हमारे तेल आयात का एक बड़ा हिस्सा होर्मुज जलडमरूमध्य पर निर्भर नहीं है।”
We have been closely monitoring the evolving geopolitical situation in the Middle East since the past two weeks. Under the leadership of PM @narendramodi Ji, we have diversified our supplies in the past few years and a large volume of our supplies do not come through the Strait…
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) June 22, 2025
उन्होंने बताया कि देश की प्रमुख तेल विपणन कंपनियों – इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम – के पास कई हफ्तों तक की आपूर्ति के लिए पर्याप्त स्टॉक मौजूद है और विभिन्न वैकल्पिक मार्गों से भी लगातार आपूर्ति जारी है।
ईरान ने हाल ही में अमेरिका और इजरायल के खिलाफ संघर्ष की स्थिति में होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने की धमकी दी है। यह जलमार्ग दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण तेल परिवहन मार्गों में से एक है, जहां से प्रतिदिन करीब 2 करोड़ बैरल कच्चा तेल गुजरता है। इस रास्ते के अवरुद्ध होने की स्थिति में सऊदी अरब, इराक, कुवैत और यूएई जैसे देशों से तेल की आपूर्ति पर असर पड़ सकता है, जिससे वैश्विक बाजार में तेल की कीमतों में तेज उछाल की आशंका है।
#WATCH | Israel-Iran conflict | Cork, Ireland: Union Minister Hardeep Singh Puri says, "… As far as the global situation today is concerned, the escalation of tensions in the Middle East was not entirely unexpected. We had foreshadowed this. The government, under the PM, has… pic.twitter.com/UwAGEVWdQb
— ANI (@ANI) June 22, 2025
हालांकि, केंद्रीय मंत्री पुरी ने भरोसा दिलाया कि भारत ने संकट के ऐसे समय में अपनी रणनीति तैयार कर रखी है। उन्होंने बताया कि देश ने रूस, अमेरिका और ब्राजील जैसे वैकल्पिक स्रोतों से आयात बढ़ाया है और साथ ही देश में रणनीतिक भंडारण सुविधाएं भी विकसित की गई हैं।
तेल क्षेत्र में देश की क्षमता पर बात करते हुए पुरी ने बताया कि वर्तमान में भारत में 23 आधुनिक रिफाइनरियां कार्यरत हैं, जिनकी कुल रिफाइनिंग क्षमता 257 मिलियन मीट्रिक टन प्रतिवर्ष है। इसके साथ ही रणनीतिक पेट्रोलियम भंडारों के लिए भी विशेष भंडारण सुविधाएं तैयार की गई हैं, जिनका उपयोग वैश्विक आपूर्ति में किसी भी तरह की बाधा की स्थिति में किया जा सकता है।
पुरी ने यह भी जोड़ा कि सरकार स्थिति पर सतत नजर बनाए हुए है और नागरिकों को ईंधन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए हर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। विश्लेषकों का मानना है की भारत अपनी कुल तेल जरूरतों का लगभग 85% आयात करता है, ऐसे में वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों में वृद्धि का असर देश की अर्थव्यवस्था, मुद्रास्फीति और रुपये की स्थिति पर पड़ सकता है।
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