मध्य पूर्व में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिकी हमले के बाद उपजे वैश्विक अनिश्चितता के बीच भारतीय शेयर बाजार सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार (23 जून) को लाल निशान में खुला। शुरुआती सत्र में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों प्रमुख सूचकांक बड़ी गिरावट के साथ कारोबार करते देखे गए, जबकि निवेशकों ने आईटी और ऑटो सेक्टर में भारी बिकवाली की।
सुबह करीब 9:30 बजे बीएसई सेंसेक्स 677.10 अंक यानी 0.82 फीसदी की गिरावट के साथ 81,731.07 पर कारोबार कर रहा था। इसी समय एनएसई निफ्टी भी 204.6 अंक यानी 0.81 फीसदी की गिरावट के साथ 24,907.75 पर पहुंच गया। निफ्टी बैंक 387.75 अंक या 0.69 प्रतिशत टूटकर 55,865.10 पर था, जबकि निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 219.45 अंक गिरकर 57,776.05 और स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 45.25 अंक घटकर 18,148.95 पर कारोबार कर रहे थे।
विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका द्वारा ईरान की तीन परमाणु साइटों पर किए गए हमलों के बाद भले ही वैश्विक तनाव बढ़ा है, लेकिन फिलहाल भारतीय बाजार पर इसका असर सीमित दिख रहा है। हालांकि, निवेशक सतर्क हैं क्योंकि आगे संकट की तीव्रता इस बात पर निर्भर करेगी कि ईरान कैसे और कब प्रतिक्रिया देता है।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वी. के. विजयकुमार ने कहा, “यदि ईरान अमेरिकी सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाता है या सैन्यकर्मियों को नुकसान पहुंचाता है, तो अमेरिका की प्रतिक्रिया बहुत गंभीर हो सकती है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है। हालांकि बाजार इस समय मानकर चल रहा है कि ईरान की जवाबी क्षमता सीमित है।”
शुरुआती कारोबार में इंफोसिस, एचसीएल टेक, टीसीएस, एशियन पेंट्स, हिंदुस्तान यूनिलीवर, पावर ग्रिड, आईटीसी और रिलायंस जैसे दिग्गज स्टॉक्स में गिरावट देखी गई। दूसरी ओर, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL), भारती एयरटेल और ट्रेंट टॉप गेनर्स में शामिल रहे।
हालांकि विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने बीते सप्ताह 20 जून को लगातार चौथे दिन 7,940.70 करोड़ रुपये की खरीदारी की, वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 3,049.88 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्राइम रिसर्च प्रमुख देवर्ष वकील ने कहा, “हमें उम्मीद है कि बाजार दिन के पहले हिस्से में दबाव में रहेंगे, हालांकि बाद में इसमें सुधार भी हो सकता है। तकनीकी रूप से, फिलहाल 24,800 निफ्टी के लिए एक मजबूत सपोर्ट लेवल है, जबकि 25,222 का स्तर निकटवर्ती रेजिस्टेंस है।”
एशियाई बाजारों में भी कमजोरी का रुख दिखाई दिया। बैंकॉक, जापान, सोल, हांगकांग और जकार्ता के बाजार लाल निशान में खुले, जबकि केवल चीन का बाजार हरे निशान में कारोबार करता दिखा।
इससे पहले शुक्रवार को अमेरिकी बाजारों का रुख मिश्रित रहा। डाउ जोंस 35.16 अंक चढ़कर 42,206.82 पर बंद हुआ, लेकिन एसएंडपी 500 और नैस्डैक में क्रमशः 0.22% और 0.51% की गिरावट दर्ज की गई। मौजूदा हालात में बाजार की दिशा अब इस बात पर निर्भर करेगी कि ईरान-अमेरिका-इज़राइल टकराव में अगला कदम क्या होता है और वैश्विक कच्चे तेल की कीमतें किस दिशा में जाती हैं। निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।
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