पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद पर भारत की सर्जिकल प्रतिक्रिया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर देशभर में समर्थन और सराहना का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में भारतीय सेना के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल वी.के. चतुर्वेदी ने इस सैन्य कार्रवाई को रणनीतिक रूप से ‘चौतरफा और निर्णायक’ करार देते हुए इसकी प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस सिस्टम ने इस ऑपरेशन में भारत की मजबूती से मदद की, और सेना की बहुस्तरीय तैयारी ने पाकिस्तान को झटका दे दिया।
मीडिया एजेंसी से बातचीत में चतुर्वेदी ने कहा, “पिछले चार दिनों में भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान को गर्त में पहुंचा दिया है। उनके एयर डिफेंस सिस्टम, रडार और फाइटर जेट्स को हमने हिट किया। हमारी नेवी, जिसे ‘साइलेंट सर्विस’ कहा जाता है, उसने भी गुप्त लेकिन निर्णायक भूमिका निभाई।”
मल्टीलेयर डिफेंस से पाकिस्तान को करारा जवाब:
जनरल चतुर्वेदी ने बताया कि भारत का मल्टीलेयर एयर डिफेंस सिस्टम, जिसमें पुराने और आधुनिक हथियार दोनों का संयोजन है, इस अभियान में गेमचेंजर साबित हुआ। उनका मानना है कि भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट चेतावनी दी कि “अगर किसी भी प्रकार की गलत हरकत की गई, तो उसका कठोरतम जवाब मिलेगा।”
उन्होंने सीमा पर बीएसएफ और सेनाओं के समन्वय की भी तारीफ की, जिससे न केवल सीमा सुरक्षा सुदृढ़ हुई, बल्कि ऑपरेशन को ज़मीनी ताकत भी मिली।
सेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पेश हुए सुबूत:
सोमवार को भारतीय सेना द्वारा की गई संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता को विस्तार से बताया गया। सेना ने पाकिस्तानी मिराज विमान के मलबे और चीन निर्मित पीएल-15 एयर-टू-एयर मिसाइल के अवशेषों की क्लिप भी सार्वजनिक की। यह न केवल भारत की सैन्य तैयारियों का प्रमाण है, बल्कि पाकिस्तान और उसके सहयोगियों को स्पष्ट संदेश भी।
वहीं सोमवार (12 मई) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में पाकिस्तान पर सीधा निशाना साधते हुए कहा, “अगर पाकिस्तान से बातचीत होगी तो वह सिर्फ आतंकवाद के बारे में होगी, अगर पाकिस्तान से बातचीत होगी तो वह सिर्फ पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) के बारे में होगी।”
प्रधानमंत्री के इस बयान ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत अब न तो आतंकवाद को बर्दाश्त करेगा, न ही कूटनीतिक शिष्टाचार के नाम पर झूठे संवादों में समय गंवाएगा। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत की रणनीति अब स्पष्ट है — दुनिया को दिखाना है कि आतंक पर चुप्पी नहीं, निर्णायक कार्रवाई ही एकमात्र समाधान है।
यह पहली बार नहीं है कि भारतीय सेना ने सीमाओं के पार जाकर आतंक के ढांचों को ध्वस्त किया है, लेकिन इस बार की खासियत यह है कि इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस सिस्टम से लेकर घरेलू हथियार प्रणालियों तक, भारत की सैन्य आत्मनिर्भरता ने भी अपनी ताकत दिखा दी है।
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