ईरान और अमेरिका के बीच जारी तनाव के बीच एक नया मोड़ सामने आया है। अमेरिकी बमबारी के कुछ ही दिनों बाद, ईरान ने फोर्डो परमाणु केंद्र में गतिविधियों को फिर से तेज कर दिया है। नवीनतम सैटेलाइट चित्रों में फोर्डो साइट पर मिट्टी की खुदाई, नई सड़कों का निर्माण और कई गड्ढों के समूह दिखाई दे रहे हैं, जिससे संकेत मिलते हैं कि ईरान इस अंडरग्राउंड परमाणु केंद्र को फिर से सक्रिय करने में जुटा है।
मैक्सार टेक्नोलॉजीज द्वारा जारी सैटेलाइट इमेज में देखा गया है कि भारी मशीनरी को साइट पर लाया गया है और नई खुदाई चल रही है। यह वही फोर्डो साइट है जिसे अमेरिका ने २१–२२ जून की रात “ऑपरेशन मिडनाइट हैमर” के तहत अपने B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स से निशाना बनाया था। अमेरिका का दावा था कि उन्होंने Massive Ordnance Penetrators (MOPs) से इस अंडरग्राउंड साइट को पूरी तरह तबाह कर दिया था।
हालांकि, सैटेलाइट तस्वीरों से स्पष्ट है कि ईरान ने हमले से पहले ही इस साइट की सुरंगों को सील कर दिया था, जिससे नुकसान सीमित हो गया। लंदन स्थित ओपन सोर्स सेंटर के विश्लेषण में यह भी सुझाव दिया गया है कि ईरान संभवतः पहले से ही हमले की आशंका को लेकर तैयारी कर रहा था।
सैटेलाइट आंकड़ों से संकेत मिलते हैं कि ईरान ने अपनी समृद्ध यूरेनियम की भंडार को किसी सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित कर दिया है। इसका अर्थ यह है कि ईरान के पास परमाणु बम बनाने के लिए आवश्यक सामग्री हो सकती है। हालांकि, इजरायली खुफिया विश्लेषक रोनेन सोलोमन का कहना है कि, “यह यूरेनियम ईंधन की तरह है, लेकिन यदि कार ही नहीं है, तो क्या फायदा?” यानी उनके अनुसार, यूरेनियम होना काफी नहीं, जब तक उसके उपयोग के लिए पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार न हो।
फोर्डो साइट की हालिया तस्वीरों में उत्तरी सुरंग परिसर के पास बुलडोज़र और ट्रक देखे गए हैं, जो गड्ढों के आसपास की मिट्टी को समतल कर रहे हैं। जून 19–20 को ली गई पुरानी तस्वीरों में सुरंग के प्रवेश द्वारों को बंद करते हुए देखा गया था, जबकि अब वे मिट्टी और मलबे से भरे हुए दिखाई देते हैं। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि ईरान किसी नए सुरंग नेटवर्क या रिएक्टर सेक्शन के निर्माण की ओर बढ़ सकता है।
यह घटनाक्रम उस समय सामने आया है जब अमेरिका और ईरान के बीच कूटनीतिक संबंधों में एक बार फिर तनाव चरम पर है। अमेरिकी प्रशासन जहां अपने हमले को सफल ऑपरेशन बता रहा है, वहीं ईरान की ओर से यह संकेत दिया जा रहा है कि वह अब भी अपने परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में सक्षम है।
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु निरीक्षक संस्थाएं इस नई गतिविधि पर कैसी प्रतिक्रिया देती हैं और क्या अमेरिका इसके जवाब में कोई और कार्रवाई करता है। फिलहाल इतना तय है कि फोर्डो साइट फिर से विश्व राजनीति का केंद्रबिंदु बन गई है।
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