राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने हंगामे के बीच छोड़ा अभिभाषण   

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने हंगामे के बीच छोड़ा अभिभाषण   

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने विधानपालिका के संयुक्त सत्र में अपना अभिभाषण पूरा किये ही चले गए। इस दौरान विधायकों ने भारी नारेबाजी की। जिसके बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अपना अभिभाषण पूरा किए बिना विधान भवन के सेंट्रल हॉल से बाहर निकल गए। इसके बाद, बीजेपी ने ठाकरे सरकार पर निशाना साधा है।

राज्यपाल द्वारा अभिभाषण पूरा नहीं किये जाने पर बीजेपी ने सत्ता पक्ष पर निशाना साधा है। बीजेपी के मुख्य सचेतक आशीष शेलार ने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण पूरा नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके लिए सत्ता पक्ष जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि हमारी विधानपालिका के  अंदर और बाहर एक ही मांग है। दाऊद के साथ संबंध रखने वाले नवाब मलिक मंत्रिमंडल से इस्तीफा दें। उन्होंने हम सरकार द्वारा इस मांग के मनाने पर ही कार्यवाही सुचारू रूप से चल पाएगी। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि वह इस मांग से पीछे नहीं हटेंगे।
बता दें कि, जिस समय राज्यपाल सेंट्रल हॉल के मंच पर पहुंचे उस समय महाविकास अघाड़ी सरकार के विधायकों ने कोश्यारी के खिलाफ और छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रशंसा में नारेबाजी की। गौरतलब है कि, राज्यपाल ने औरंगाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज और चंद्रगुप्त मौर्य का उदाहरण देते हुए गुरु (शिक्षक) की भूमिका को रेखांकित किया था। उन्होंने कहा था कि कई चक्रवर्ती (सम्राट), महाराजाओं ने इस भूमि पर जन्म लिया। लेकिन, चाणक्य नहीं होते तो चंद्रगुप्त को कौन पूछता? समर्थ (रामदास) नहीं होते तो छत्रपति शिवाजी महाराज को कौन पूछता। इस बयान के बाद कांग्रेस, शिवसेना और अन्य पार्टियों ने राज्यपाल के बयान की निंदा की थी और माफ़ी मांगने की मांग की थी।
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