मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने यह कहते हुए वकीलों को मुंबई की लोकल ट्रेनों में यात्रा की अनुमति देने से इंकार कर दिया है कि कोरोना तीसरी लहर को लेकर डाकटरों की राय को नजरअंदाज नहीं कर सकते। हाईकोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र स्टेट कोविड टास्क फोर्स ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका व्यक्त की है। इस लिए जुलाई अंत तक वकीलों को लोकल ट्रेन से सफर की अनुमति नहीं दी जा सकती।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि हम मेडिकल विशेषज्ञों द्वारा कोविड के विषय में दी गई सलाह की न्यायिक आदेश से अवहेलना नहीं कर सकते। क्योंकि कोविड टास्क फोर्स ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका व्यक्त की है। इसलिए वकील ट्रेन से यात्रा के लिए एक माह तक इंतजार करें। बार काउंसिल आफ महाराष्ट्र एंड गोवा ने वकीलों को भी लोकल ट्रेन से यात्रा की अनुमति दिए जाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में वकीलों को ट्रेन से यात्रा अनुमति रखने वाले लोगों की सूची में न डाले जाने के राज्य सरकार के निर्णय को चुनौती दी गई है। फिलहाल सरकारी कर्मचारियों व आवश्यक सेवा से जुड़े लोगों को ही ट्रेन में यात्रा की अनुमति है। खंडपीठ ने अब 3 अगस्त को याचिका पर सुनवाई रखी है।