जम्मू कश्मीर के पहलगाम में इस्लामी आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। भारत और पाकिस्तान के व्यापारिक रिश्तें इतने तन चुकें है की यह डोर लगभग टूटने के कगार पर है। भारत ने अटारी और वाघा बॉर्डर से होने वाला व्यापार बंद कर दिया है और संकेत साफ हैं कि जल्द ही दोनों देशों के बीच हर तरह का व्यापारिक संबंध समाप्त हो सकता है।
अगर भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार पूरी तरह बंद होता है, तो कुछ चीजों के दामों में अस्थायी उछाल देखने को मिल सकता है। सबसे पहले बात करें ड्राई फ्रूट्स की—बादाम, पिस्ता और खुबानी जैसी चीजों का बड़ा हिस्सा भारत पाकिस्तान से आयत करवाता है। हालांकि भारत दूसरे देशों से भी इनका आयात करता है, इसलिए दीर्घकालिक असर ज्यादा गंभीर नहीं होगा।
चुनौतीपूर्ण स्थिति सेंधा नमक के मामले में आ सकती है। भारत यह नमक विशेष रूप से पाकिस्तान से ही मंगवाता है, जो उपवास और धार्मिक अनुष्ठानों में प्रमुखता से इस्तेमाल होता है। व्यापार थमने पर इसकी कीमतों में बढ़ोतरी तय मानी जा रही है।
चश्मों में इस्तेमाल होने वाले ऑप्टिकल लेंस भी पाकिस्तान से आयात किए जाते हैं। अगर व्यापारिक संबंध टूटते हैं, तो इनकी उपलब्धता प्रभावित हो सकती है और कीमतें कुछ समय के लिए बढ़ सकती हैं।
इसके अलावा भारत पाकिस्तान से सीमित मात्रा में सीमेंट, पत्थर, चूना, कपास, स्टील, ऑर्गेनिक केमिकल्स, धातु यौगिक और चमड़े के सामान भी खरीदता है। इनके आयात पर भी असर पड़ेगा, लेकिन भारत के पास इनके अन्य स्रोत मौजूद हैं।
दिलचस्प बात यह है कि इस व्यापारिक टूटन से पाकिस्तान को भारत से कहीं ज्यादा नुकसान होगा। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही खस्ताहाल है। भारत, पाकिस्तान को जैविक रसायन, दवाइयां, प्लास्टिक उत्पाद, कपास, फल-सब्जियां, चाय, कॉफी, मसाले, चीनी, तिलहन, डेयरी उत्पाद और पशु चारा जैसे कई महत्वपूर्ण सामान निर्यात करता है। इस सप्लाई के बंद होने से पाकिस्तान की आर्थिक नब्ज पर गहरी चोट पड़ेगी।
भारत ने पाकिस्तान से व्यापारिक रिश्तों को ख़त्म कर यह स्पष्ट कर दिया है कि अब आतंकी हमलों का जवाब केवल शब्दों से नहीं, ठोस कार्रवाई से दिया जाएगा, जिसमें पीठ भी ठोकी जाएगी और पेट भी काटा जाएगा।
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