मुंबई की सार्वजनिक परिवहन सेवा BEST को घाटे से निकालने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बड़ा ऐलान किया है। शुक्रवार (25 अप्रैल )को हुई एक अहम समीक्षा बैठक में फडणवीस ने BEST को नए राजस्व स्रोत तलाशने का निर्देश देते हुए कहा कि यह समय बदलाव का है, और अगर BEST को फिर से पटरी पर लाना है, तो उसे पारंपरिक सोच से बाहर निकलकर सोचना होगा।
वर्तमान में BEST घाटे में चल रहा है और उसकी वित्तीय ज़रूरतें हर साल मुंबई महानगरपालिका (BMC) से पूरी की जाती हैं। बैठक में सुझाव दिया गया कि यदि BMC अपने कुल बजट का 3% परिवहन के लिए आरक्षित कर दे, तो BEST को काफी राहत मिल सकती है। BEST के महाप्रबंधक श्रीनिवास ने इस मौके पर टोल छूट, कर्मचारियों के बकाया वेतन के लिए ₹1,658 करोड़ की मांग और विभिन्न सरकारी करों से छूट की अपील की। इस पर मुख्यमंत्री ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए प्रस्ताव भेजने को कहा, ताकि सरकार इन पर विचार कर सके।
बैठक में BEST की आमदनी बढ़ाने के लिए उसके स्वामित्व वाली ज़मीन के व्यावसायिक इस्तेमाल पर भी चर्चा हुई। बांद्रा, दिंडोशी और देवनार डिपो के पुनर्विकास के दौरान वहां व्यावसायिक दुकानें, आवासीय इकाइयां और बस डिपो विकसित करने का सुझाव आया, जिससे आय के नए रास्ते खुल सकते हैं। मंत्री आशीष शेलार ने मनोरंजन केंद्रों को भी इस योजना में शामिल करने की सिफारिश की, वहीं सीएम फडणवीस ने पांच जगहों पर मराठी सिनेमा थिएटर बनाने का विचार सामने रखा, जो स्थानीय फिल्मों को बढ़ावा देगा और आय का साधन बनेगा।
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मेट्रो और BEST बसों के बीच बेहतर समन्वय के लिए छोटे और आधुनिक बसों का प्रस्ताव लाने की बात कही। यह कदम यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि अब मुंबई में लोकल ट्रेन, मेट्रो, मोनोरेल और बसों को एक सिंगल मोबिलिटी प्लेटफॉर्म पर लाने की तैयारी चल रही है। इसका लाभ BEST को भी मिलेगा, क्योंकि यात्री एक ही टिकट से सभी माध्यमों का उपयोग कर सकेंगे।
फिलहाल BEST के पास कुल 2,783 बसें हैं, जिनमें 875 इलेक्ट्रिक बसें शामिल हैं। सरकार ने घोषणा की है कि 2,100 वातानुकूलित बसें खरीदी जा चुकी हैं, जिनमें से 503 बसें मुंबई को मिल चुकी हैं और जल्द ही 2,400 बसों का और ऑर्डर दिया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार, मुंबई की जनसंख्या को देखते हुए यहां कम से कम 7,000 बसों की जरूरत है।
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