महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में एकीकृत बस परिवहन प्रणाली विकसित करने के उद्देश्य से एक उच्चस्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया है। सरकार की 10 जून को जारी अधिसूचना के अनुसार, इस टास्क फोर्स की अगुवाई बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति एवं परिवहन (बेस्ट) के महाप्रबंधक करेंगे, जबकि मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) के संचार एवं परिवहन प्रमुख को सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है।
सरकार की इस पहल का उद्देश्य एमएमआर के भीतर संचालित विभिन्न नगर निगमों की बस सेवाओं को एकल और निर्बाध नेटवर्क में समाहित करना है, ताकि यात्रियों को सुगम, तेज़ और विश्वसनीय सार्वजनिक परिवहन मिल सके। यह निर्णय हाल ही में मुंब्रा के पास हुई रेल दुर्घटना के बाद लिया गया है, जिसने शहरी परिवहन को मजबूत करने की आवश्यकता को उजागर किया।
नई गठित टास्क फोर्स में बृहन्मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई, कल्याण-डोंबिवली, वसई-विरार, मीरा-भायंदर, भिवंडी-निजामपुर, उल्हासनगर और पनवेल नगर निगमों के आयुक्तों को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। इसके अलावा MMRDA के अतिरिक्त महानगर आयुक्त और बृहन्मुंबई नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त भी इसका हिस्सा हैं।
यह पहल नीति आयोग द्वारा प्रस्तावित केंद्र सरकार की ‘ग्रोथ हब’ (G-Hub) योजना के तहत उठाया गया एक कदम है, जिसके तहत देश के प्रमुख शहरी क्षेत्रों को आर्थिक विकास के केंद्रों में बदलने की योजना है। सूरत, विशाखापत्तनम और वाराणसी के साथ मुंबई महानगर क्षेत्र को भी इस योजना के तहत पायलट शहर के रूप में चुना गया है।
राज्य सरकार ने एमएमआर क्षेत्र के लिए एक व्यापक आर्थिक रोडमैप तैयार करने की प्रक्रिया तेज़ कर दी है। इसमें अधोसंरचना विकास, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) लाना, स्टार्टअप को बढ़ावा देना, क्षेत्रीय संरक्षण और रोज़गार सृजन जैसे मुद्दों पर फोकस किया जा रहा है।
सितंबर 2024 में राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समन्वय समिति भी गठित की गई थी, जो इस मास्टर प्लान की समीक्षा करेगी। वहीं मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित ग्रोथ हब गवर्नेंस बोर्ड योजना की निगरानी और क्रियान्वयन का मार्गदर्शन करेगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, “इस एकीकृत परिवहन प्रणाली से यात्रियों की सुविधा तो बढ़ेगी ही, साथ ही ट्रैफिक जाम में भी कमी आएगी। अंतिम मील तक कनेक्टिविटी बेहतर होगी और मुंबई जैसे अत्यधिक जनसंख्या वाले क्षेत्र में सार्वजनिक परिवहन की कार्यक्षमता भी कई गुना बढ़ेगी।” इस फैसले से मुंबई और उसके उपनगरों में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में बड़ा सुधार आने की उम्मीद की जा रही है।
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