पश्चिम बंगाल के उत्तरी जिलों में शनिवार (4 अक्तूबर)रात से जारी भीषण बारिश ने तबाही मचा दी है। रविवार (5 अक्तूबर)सुबह तक आई रिपोर्टों के मुताबिक कम से कम 28 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि दर्जनों लोग अब भी लापता हैं। लगातार हो रही बारिश से भूस्खलन, पुल ढहने और कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। राज्य के पहाड़ी इलाकों में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। दार्जिलिंग में 24 घंटे में 261 मिमी, कूचबिहार में 192 मिमी और जलपाईगुड़ी में 172 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि गजोलेडोबा (जलपाईगुड़ी) में 300 मिमी बारिश हुई, जिसे मौसम विभाग ने “अत्यधिक भारी वर्षा” की श्रेणी में रखा है।
सबसे भयानक स्थिति मिरीक, जोरबंगलो, मानेभंजन, सुखियापोखरी और फालाकाटा जैसे इलाकों में है। पर्यटक स्थल मिरीक में अकेले 13 लोगों की मौत हुई है। “द टाइम्स ऑफ इंडिया” की रिपोर्ट के अनुसार, मिरीक के प्रसिद्ध सुमेंदु झील और कंचनजंघा व्यू पॉइंट के पास कई मकान बह गए हैं। कई पर्यटक अब भी लापता हैं, जिनमें कोलकाता के पर्यटक हिमाद्रि पुरकायत भी शामिल हैं। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि जैसे-जैसे बचाव दल ऊपरी इलाकों तक पहुंचेंगे, मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
भारी बारिश से क्षेत्र के कई अहम संपर्क मार्ग टूट गए हैं। बालासन नदी पर स्थित लोहे का पुल, जो सिलीगुड़ी और मिरीक के बीच एकमात्र सीधा रास्ता था, बह गया है। इसी तरह पुलबाजार पुल के टूटने से थनालाइन और बिजनबाड़ी का संपर्क कट गया है। रोहिणी रोड, जो दार्जिलिंग और मैदानी क्षेत्रों के बीच मुख्य मार्ग है, धंस गया है, जबकि NH-10, जो सिक्किम को जोड़ता है, चित्रे में भूस्खलन के कारण बंद है।
इस आपदा के चलते दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे ने सेवाएं अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दी हैं। दुर्गा पूजा की छुट्टियों में घूमने पहुंचे सैकड़ों पर्यटक दार्जिलिंग, कालिम्पोंग और डूअर्स के होटलों और जंगल क्षेत्रों में फंसे हुए हैं। कई जगहों पर बिजली और मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह ठप हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर संवेदना व्यक्त करते हुए लिखा, “दार्जिलिंग में पुल हादसे और भारी बारिश से हुई जनहानि से अत्यंत दुखी हूं। हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है। केंद्र सरकार हरसंभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है।”
वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आपात बैठक बुलाई जिसमें सिलीगुड़ी के मेयर गौतम देब और जीटीए प्रमुख अनित थापा शामिल हुए। उन्होंने घोषणा की कि वह सोमवार को प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगी। ममता ने कहा,
“उत्तर और दक्षिण दोनों बंगाल के कई हिस्सों में अचानक हुई भारी बारिश और भूटान-सिक्किम से आई अतिरिक्त जलराशि के कारण बाढ़ की स्थिति बन गई है।”
मुख्यमंत्री ने सभी प्रभावित इलाकों में पर्यटक स्थलों को अस्थायी रूप से बंद करने का आदेश दिया और नबन्ना कंट्रोल रूम से आपात हेल्पलाइन नंबर जारी किए। उन्होंने आश्वासन दिया कि पर्यटकों के बचाव और सहायता की पूरी लागत राज्य सरकार वहन करेगी। उन्होंने X पर लिखा, “पिछली रात 12 घंटों में वर्षा 300 मिमी से अधिक रही। मैं मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करती हूं और तत्काल राहत व सहायता के आदेश दिए हैं।”
लगातार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है, लेकिन राहत और बचाव दल युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे ऊंचे इलाकों में शरण लें और अनावश्यक यात्रा से बचें।
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