अब पुणे में भी बनेगी Co-Vaccine, हाईकोर्ट में क्यों उलझा था मामला? 

अब पुणे में भी बनेगी Co-Vaccine, हाईकोर्ट में क्यों उलझा था मामला? 
  • भारत बायोटेक की सहयोगी कंपनी विवादित जमीन पर बना सकेगी वैक्सीन
  • बांबे हाईकोर्ट ने 11.58 हेक्टर जमीन के इस्तेमाल की दी अनुमति 
मुंबई। देश में कोरोना रोधी वैक्सीन की किल्लत को देखते हुए भारत बायोटेक की सहयोगी कंपनी बायोवेट प्राइवेट लिमिटेड पुणे में को वैक्सीन का उत्पादन शुरू करेगी। इसके लिए बांबे हाईकोर्ट ने पुणे के पास हवेली तहसील के मंजरी खुर्द गांव की 11.58 हेक्टर जमीन के इस्तेमाल की अनुमति दे दी है। इससे पहले कंपनी ने कोर्ट को अंडर टेकिंग देकर आश्वस्त किया कि वह जमीन का उपयोग सिर्फ़ टीका बनाने के लिए करेगी। दरअसल अदालत में इस बात को लेकर मुकदमा चल रहा है कि कंपनी को आवंटित जमीन वन भूमि है या नहीं। जमीन का आवंटन 1973 में नियमों के तहत किया गया है कि नहीं। इस बीच याचिका के प्रलंबित रहते कंपनी ने पिछले माह एक आवेदन दायर किया था कि जिसमें कहा गया है कि देश में कोरोना टीके किल्लत को देखते हुए उसे इस जमीन का इस्तेमाल टीका उत्पादन के लिए करने दिया जाए।
मैन्युफैक्चरिंग यूनिट और मशीनें तैयार हैं। इसलिए राज्य सरकार को जमीन से जुड़ी अनुमति  प्रदान करने और कार्य शुरु करने से संबंधित अनापत्ति प्रमाण पत्र देने का निर्देश दिया जाए। न्यायमूर्ति के के तातेड़ व न्यायमूर्ति एन आर बोरकर की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता आरडी सोनी ने कहा कि वर्तमान में कोरोना के टीके की भारी कमी महसूस की जा रही है। सरकार ने 18 से 44 उम्र के लोगों का भी टीकाकरण करने का निर्णय किया है। ऐसे में याचिकाकर्ता को जीवन रक्षक टीके को वैक्सीन व अन्य टीके के उत्पादन के लिए जमीन के इस्तेमाल व जमीन में ढांचागत बदलाव की अनुमति देना राष्ट्रहित होगा।
इसके अलावा इससे टीके की जरूरत के हिसाब से मांग भी पूरी हो सकेगी। क्योंकि कंपनी काफी तेजी से बड़ी संख्या में टीके के उत्पादन की क्षमता रखती है। खंडपीठ ने राज्य सरकार की रजामंदी व कंपनी की ओर से दी गई अंडरटेकिंग को देखने के बाद सात दिन के भीतर जमीन का कब्जा सौंपने व जरूरी अनुमति प्रदान करने का निर्देश दिया और कंपनी के अंतरिम आवेदन को स्वीकार कर लिया।
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