इंडोनेशिया में भारतीय दूतावास ने रविवार(30 जून) को स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर पर रक्षा अताशे द्वारा की गई टिप्पणी को मीडिया में “संदर्भ से बाहर और गलत तरीके से प्रस्तुत” किया गया है। दूतावास के अनुसार, नौसेना कैप्टन शिव कुमार की एक प्रस्तुति के अंशों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया, जिससे टिप्पणी का उद्देश्य और सटीकता बिगड़ गई।
दूतावास ने एक्स पर जारी एक आधिकारिक बयान में कहा, “हमने एक सेमिनार में रक्षा अताशे द्वारा दिए गए प्रस्तुतीकरण पर कुछ मीडिया रिपोर्ट्स देखी हैं। ये रिपोर्ट्स वक्ता द्वारा दिए गए मूल प्रस्तुति के उद्देश्यों का गलत चित्रण करती हैं और टिप्पणियों को संदर्भ से बाहर पेश करती हैं।”
बयान में यह भी स्पष्ट किया गया कि भारतीय सशस्त्र बल हमेशा नागरिक राजनीतिक नेतृत्व के अधीन रहते हैं, जो कि लोकतांत्रिक देशों की एक महत्वपूर्ण विशेषता है। “ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के बुनियादी ढांचे पर लक्षित कार्रवाई थी और भारत की प्रतिक्रिया पूरी तरह से गैर-आक्रामक रही,” दूतावास ने कहा।
We have seen media reports regarding a presentation made by the Defence Attache at a Seminar.
His remarks have been quoted out of context and the media reports are a mis-representation of the intention and thrust of the presentation made by the speaker.
The presentation…
— India in Indonesia (@IndianEmbJkt) June 29, 2025
10 जून को इंडोनेशिया में एक सेमिनार के दौरान रक्षा अताशे कैप्टन (भारतीय नौसेना) शिव कुमार ने अपनी प्रस्तुति में बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने कुछ विमान खो दिए। उन्होंने यह भी कहा कि पहले चरण में भारतीय सैन्य बलों को स्पष्ट निर्देश दिया गया था कि वे पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों या हवाई सुरक्षा पर हमला न करें। कैप्टन शिव कुमार के अनुसार, “यह नुकसान केवल इस प्रतिबंध की वजह से हुआ जो राजनीतिक नेतृत्व की ओर से दिया गया था।”
कैप्टन कुमार ने आगे कहा कि इस अनुभव के बाद सशस्त्र बलों ने रणनीति बदली और आगे के हमलों में ब्रह्मोस मिसाइलों का इस्तेमाल कर दुश्मन की हवाई सुरक्षा को पहले निष्क्रिय किया गया, जिससे मिशन सफल रहे। यह बयान सामने आने के बाद विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-नीत केंद्र सरकार पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सवाल उठाया, “प्रधानमंत्री सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करने और विपक्ष को विश्वास में लेने से क्यों इनकार कर रहे हैं? संसद के विशेष सत्र की मांग क्यों खारिज कर दी गई?”
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने नौसेना अधिकारी की टिप्पणी को “प्रत्यक्ष अभियोग” बताते हुए कहा कि सरकार को डर है कि अगर सच्चाई सामने आई तो लोग राष्ट्रीय सुरक्षा पर उनके समझौते को लेकर सवाल उठाएंगे। खेड़ा ने तीखा बयान देते हुए कहा, “वे जानते हैं कि उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया है और कांग्रेस पार्टी इस सच्चाई को जनता के सामने लाकर रहेगी।”
हालांकि भारतीय दूतावास ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कैप्टन शिव कुमार की बातों को गलत तरीके से पेश किया गया, लेकिन इस विवाद ने एक बार फिर रक्षा नीति, सैन्य-राजनीतिक संतुलन और पारदर्शिता जैसे महत्वपूर्ण विषयों को राष्ट्रीय बहस के केंद्र में ला दिया है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा संसद और मीडिया दोनों में और गहराई से उठने की संभावना है।
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