राज्य की ठाकरे सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए महा विकास आघाडी छोड़ने वाले स्वाभिमान शेतकरी संगठन के अध्यक्ष राजू शेट्टी अब राज्यपाल कोटे से विधायक नहीं बनना चाहते। शेट्टी ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से अनुरोध किया कि यदि राज्य सरकार राज्यपाल कोटे से उन्हें विधान परिषद सदस्य मनोनीत करने की अनुशंसा करे, तो वह इसपर विचार न करें।
शेट्टी ने यहां राजभवन में कोश्यारी से मुलाकात कर यह अनुरोध किया। शेट्टी ने राज्यपाल से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि एक तरफ एमवीए की नीतियों का विरोध करना और दूसरी ओर उसकी अनुशंसा पर विधान परिषद की सदस्यता को स्वीकार करना उनके लिये ”नैतिक रूप से सही” नहीं होगा। उन्होंने कहा, ”मुझे पता चला है कि मेरा नाम (सरकार द्वारा राज्यपाल को सौंपे गए 12 उम्मीदवारों की) सूची में शामिल है, लेकिन हमने हाल ही में एमवीए के साथ सभी संबंधों को तोड़ने का फैसला किया।”
पूर्व सांसद ने कहा, ”मुझे नहीं लगता कि एक ओर सरकार की कई नीतियों का विरोध करना और दूसरी तरफ परिषद की सदस्यता को स्वीकार करना नैतिक रूप से सही है। इसलिए, मैंने राज्यपाल से अनुरोध किया है कि अगर सूची में मेरा नाम आता है, तो उसपर विचार न करें। मेरी राज्यपाल द्वारा मनोनीत विधान पार्षद बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है।” एमवीए सरकार ने नवंबर 2020 में कोश्यारी को उनके कोटे से राज्य विधान परिषद में मनोनीत करने के लिये 12 नामों की एक सूची सौंपी थी, लेकिन राज्यपाल ने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया है। परिषद में कुल 78 सदस्य हैं।
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