मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता सिंधुताई सपकाल का मंगलवार को पुणे में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 75 साल की थीं। वह लम्बे समय से बीमार थीं। उनके निधन से महाराष्ट्र में शोक की लहर है। उनके निधन सभी ने शोक व्यक्त किया है।सिंधुताई सपकाल अनाथ बच्चों के लिए पूरा जीवन काम किया। उन्होंने इसके लिए अनाथालय बनवाया। आज उनके संस्कार दिए बच्चे समाज सेवा के संस्कार को बढ़ा रहे हैं।
सिंधुताई की नवंबर में सर्जरी हुई थी। उन्हें पेट दर्द के साथ गैलेक्सी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद उनकी हर्निया की सर्जरी हुई। लेकिन, वह ठीक नहीं हुई थीं। पिछले एक महीने से उनका स्वास्थ्य खराब चल रहा था। पिछले साल उन्हें सामाजिक कार्य के लिए प्रतिष्ठित पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
सिंधुताई का जन्म वर्धा जिले के नवरगांव में हुआ था। कम उम्र में ही उनका विवाह हो गया था।18 साल की उम्र ही तीन बच्चों को जन्म दिया। इसके बाद उनका जीवन बहुत ही संघर्षमय रहा। लेकिन उन्होंने कड़ी मेहनत करते हुए, अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते हुए, समाज के लिए लगातार प्रयास किया। इस सफर में उन्होंने कई अनाथों को सहारा दिया। सिंधुताई को महाराष्ट्र सरकार के अहिल्याबाई होल्कर पुरस्कार, सावित्रीबाई पुरस्कार के अलावा पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
ये भी पढ़ें