महाराष्ट्र में कल्याण की सत्र अदालत ने कल्याण डोंबिवली नगर निगम (केडीएमसी) के शिवसेना के तीन पूर्व पार्षदों को निगम के कार्य में बाधा डालने के आरोप में दो साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एस एस गोरवाडे ने शुक्रवार को आरोपी को आईपीसी की धारा 353 (किसी लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का इस्तेमाल करने) और अन्य प्रासंगिक प्रावधानों के तहत दंडनीय अपराधों के लिए दोषी ठहराया।
अतिरिक्त लोक अभियोजक सचिन कुलकर्णी ने कहा कि अदालत ने उन्हें दो साल के कठोर कारावास की सजा के अलावा 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार, यह घटना 2006 में उस वक्त हुई थी, जब केडीएमसी की एक टीम डोंबिवली एमआईडीसी क्षेत्र में एक परिसर में अनधिकृत दुकानों को ध्वस्त कर रही थी। उन्होंने बताया कि पूर्व पार्षद सदानंद सखाराम थरवाल, तात्यासाहेब जगन्नाथ माने और शरद सखाराम गंभीरराव मौके पर पहुंचे और नगर निगम के अधिकारियों को दुकानें तोड़ने से रोका। इसके बाद एक अधिकारी की शिकायत के आधार पर डोंबिवली पुलिस स्टेशन में तीनों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।