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Saturday, November 23, 2024
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पीएम मोदी ने कहा ‘राम मंदिर’ मुद्दा लोगों ने राजनीतिक हथियार के रूप में किया इस्तेमाल!

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हम राम मंदिर घटना का राजनीतिकरण नहीं कर रहे हैं। जब हमारा जन्म भी नहीं हुआ था| तब भी जब हमारी पार्टी का गठन नहीं हुआ था| तब जाकर मामला कोर्ट में सुलझ सका|तभी समस्या का समाधान हो पाता| जब भारत का विभाजन हुआ तब भी कुछ बातें स्पष्ट करके इस मुद्दे को सुलझाया जा सकता था। लेकिन इसका समाधान नहीं हुआ| इस मुद्दे को मतपेटी की राजनीति के लिए एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस कारण इस विषय को बार-बार प्रसारित किया गया। इतना ही नहीं, समस्याएं पैदा की गई ताकि अदालत इस पर फैसला न दे|

एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई मुद्दों पर अपना पक्ष रखा| इस मौके पर उन्होंने राम मंदिर के मुद्दे पर चल रहे विवाद पर टिप्पणी की|राम मंदिर का मुद्दा विपक्ष के लिए बड़ी परेशानी बना हुआ है| राम मंदिर के बाद अब वे किसी को डरा नहीं सकते|राम मंदिर निर्माण के बाद कहीं भी आग नहीं लगी|

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, ”सोमनाथ मंदिर की निम्नलिखित सभी घटनाएं देखें। वे भारत की मूल बुनियाद का विरोध करते रहे हैं| यहां तक कि तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद को भी सोमनाथ मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं थी| प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण ठुकरा कर आपको क्या मिला? हालाँकि उसने तुम्हें घर आने का निमंत्रण दिया, फिर भी तुमने अपनी सारी पुरानी गलतियाँ भुलाकर उसे ठुकरा दिया। इससे बड़ी गलती क्या हो सकती है?

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भले ही विपक्ष ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया, लेकिन जब मैं राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जाना चाहता था, तो मैंने उससे पहले बहुत तैयारी की थी। प्राणप्रतिष्ठा समारोह से पहले मेरी किसी संत से चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि उन्होंने इसे पढ़ा है| कई लोगों से सलाह लेने के बाद मैंने 11 दिन का अनुष्ठान करने का फैसला किया। मैं उन 11 दिनों तक फर्श पर सोया। प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि उन्होंने उन स्थानों का दौरा किया जहां भगवान राम गए थे|

सरकारी खजाने से नहीं बना राम मंदिर: राम मंदिर बनाने के लिए देश की गरीब जनता ने चंदा दिया। मैं इस मंदिर निर्माण की चार महत्वपूर्ण बातों पर गौर करता हूं। एक है 500 साल का लगातार संघर्ष, दूसरा है लंबी कानूनी लड़ाई, तीसरा है टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल और चौथा है लोगों ने पैसा इकट्ठा करके इस मंदिर का निर्माण किया| इसके लिए सरकारी खजाने का इस्तेमाल नहीं किया गया है| पीएम मोदी ने ये भी कहा कि ये बातें अगले कुछ सालों तक लोगों को प्रेरित करती रहेंगी|

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