कुर्ला स्थित महाराणा प्रताप शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था (आईटीआई) परिसर के जंगल को काटकर स्विमिंग पूल बनाया जा रहे हैं, ऐसा आरोप आदित्य ठाकरे ने लगाया था। इस पर कैबिनेट मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने जोरदार जवाब देते हुए कहा है, “वहां स्विमिंग पूल नहीं, बल्कि शिवकालीन पारंपरिक खेलों का मैदान बनाया जा रहा है।
असल में आदित्य ठाकरे का उद्देश्य उस परिसर में बसे रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की अवैध झोपड़ियों को बचाना है क्या?” ऐसा सीधा सवाल मंत्री लोढ़ा ने उठाया है।
कुर्ला के आईटीआई परिसर में पिछले दो महीनों से ‘पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होळकर’ के नाम पर एक पारंपरिक मराठी खेलों का मैदान तैयार किया जा रहा है। आगामी 13 अगस्त को उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर भव्य देशी और पारंपरिक खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा।
आईटीआई के विद्यार्थियों को कोई परेशानी न हो और अन्य खिलाड़ियों को भी प्रवेश मिल सके, इस उद्देश्य से पिछले हिस्से में एक पगडंडी और द्वार निर्माण का कार्य शुरू किया गया है।
“इस पगडंडी के कारण आईटीआई के बाहर बसी रोहिंग्या-बांग्लादेशियों की अवैध झोपड़ियों को बाधा पहुंचेगी। शायद यही डर आदित्य ठाकरे को सता रहा है।
मुंबई में पहली बार पारंपरिक मराठी खेलों का मैदान बन रहा है, इसका स्वागत करने के बजाय, वह रोहिंग्या-बांग्लादेशियों की अवैध झोपड़ियों को बचाने की बेकार कोशिश क्यों कर रहे हैं?” ऐसा तीखा सवाल मंत्री लोढ़ा ने उठाया है।
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