संसद सत्र के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप देखने को मिल रहा है|लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोमवार को अपने भाषण में मोदी सरकार और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला|एक तरफ जहां संसद में ये घटनाएं हो रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ इस महीने मोदी के विदेश दौरे की भी चर्चा हो रही है|प्रधानमंत्री मोदी इस महीने रूस की अपनी निर्धारित यात्रा के बाद वियना भी जाएंगे। उसके बाद ऑस्ट्रिया भी उनकी विदेशी दौरे की सूची में है|
शांति सम्मेलन पर हस्ताक्षर करने से भारत का इनकार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने की 8 और 9 तारीख को रूस के दौरे पर हैं|भारत ने हाल ही में स्विट्जरलैंड में हुए शांति सम्मेलन में रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया है|रूस ने इस सम्मेलन में भाग लेने से इंकार कर दिया। इस पृष्ठभूमि में, भारत ने यह रुख अपनाया कि युद्ध के दोनों पक्षों की सहमति से किया गया समझौता ही स्थायी शांति स्थापित कर सकता है। इस पृष्ठभूमि में मोदी का रूस दौरा अहम माना जा रहा है|
इस बीच 8 और 9 जुलाई को रूस की यात्रा के बाद मोदी वहां से वियना जाएंगे|इस संबंध में इंडियन एक्सप्रेस ने एक रिपोर्ट दी है और इस रिपोर्ट में बताया गया है कि जल्द ही इसकी आधिकारिक घोषणा की जाएगी|इससे पहले 41 साल पहले 1983 में भारत की तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने वियना का दौरा किया था|इसके बाद मोदी वियना का दौरा करने वाले पहले भारतीय पीएम होंगे|
ऑस्ट्रेलिया का भारत के साथ संबंध!: ऑस्ट्रेलिया भारत की स्वतंत्रता के बाद मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित करने वाले पहले देशों में से एक था।10 नवंबर, 1949 को दोनों देशों के बीच इस संबंध में पहली सफल चर्चा हुई।फिर 1983 में इंदिरा गांधी ने ऑस्ट्रेलिया के साथ-साथ वियना का भी दौरा किया|फिर अगले ही साल 1984 में ऑस्ट्रियाई चांसलर फ्रेड सिनोवित्ज़ भारत आए।नवंबर 1999 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति के.आर. नारायणन ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था।वह ऑस्ट्रिया की यात्रा करने वाले पहले राष्ट्रपति बने। उसके बाद 2005 में ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रपति हेन फिशर ने भारत का दौरा किया।
मोदी की रूस यात्रा का महत्व!: फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद यह मोदी की पहली रूस यात्रा होगी। तो इस दौरे पर वास्तव में क्या होता है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और व्लादिमीर पुतिन के बीच वास्तव में क्या चर्चा हुई? इसने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है| इससे पहले ये दोनों नेता सितंबर 2022 में उज्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित एक सम्मेलन के दौरान आमने-सामने मिले थे|
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