अमेरिका: पैर छूकर FBI निर्देशक ने लिए पिता के आशीर्वाद, बटोर रहें वाहवाही!

अमेरिका: पैर छूकर FBI निर्देशक ने लिए पिता के आशीर्वाद, बटोर रहें वाहवाही!

America: Trump's FBI director nominee touches father's feet before sitting in front of Senate!

अमेरिका में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आते ही सभी विभागों में अपने साथियों को उतारा है। इसमें राष्ट्रिय ख़ुफ़िया एजेंसी के निर्देशक के तौर पर तुलसी गब्बार्ड उम्मीदवार है, तो संघीय जांच के लिए दुनियाभर में मशहूर फेडरल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टिगेशन के निर्देशक के तौर पर कैश पटेल को चुना है। उल्लेखनीय बात है की अमेरिका के राष्ट्रिय सुरक्षा विषयों में चयनित दोनों उम्मीदवार भारतीय मूल के अमेरिकी है और दोनों के सीनेट के सामने की हियरिंग भी एक ही दिन हुई है।

वहीं गुरुवार (30 जनवरी) को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा FBI निदेशक के लिए नामित किए गए कैश पटेल, अपनी सुनवाई के लिए सीनेट न्यायपालिका समिति के समक्ष उपस्थित हुए। ट्रम्प के कट्टर समर्थन और FBI की आलोचना के लिए जाने वाले पटेल को उनके पिछले बयानों और कार्यों के बारे में सीनेटरों से कठोर पूछताछ का सामना करना पड़ा।

वहीं सुनवाई से पूर्व सीनेट न्यायपालिका समिती के सामने बैठने से पूर्व कैश पटेल अपनी माता से गले मिले और पिता के पेअर छूकर उनसें आशीर्वाद लिया। कैश पटेल के आशीर्वाद लेने पर भारतीयों ने उनके भारतीय भाव की तारीफ की है। एक्स पर अमेरिका, और भारत के हिंदूओं की ओर से उनकी तारीफ की जा रही है। साथ ही विरोधियों ने कैश पटेल के पिता के आशीर्वाद लेने को सांस्कृतिक आडंबर भी कहा है।

दरम्यान सीनेट न्यायपलिका समिती के डेमोक्रेटिक सीनेटरों ने पटेल पर “J6 choir” के साथ उनकी भागीदारी पर दबाव डाला, जो 6 जनवरी के कैपिटल हमले के संबंध में आरोपित व्यक्तियों से जुड़ा एक समूह है। समिति के रैंकिंग सदस्य, सीनेटर डिक डर्बिन (डी-आईएल) ने पटेल से समूह के उनके प्रचार और उनके पिछले दावों के बारे में सवाल किया कि FBI ने 6 जनवरी की घटनाओं की योजना बनाई थी। पटेल ने जवाब देते हुए कहा कि उनकी टिप्पणियों को संदर्भ से बाहर ले जाया गया और उन्होंने कानून के शासन के प्रति अपने सम्मान पर जोर दिया।

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इस नामांकन ने महत्वपूर्ण बहस को निर्माण किया है, कैश के समर्थकों का तर्क है कि एफबीआई के संचालन के बारे में पटेल की अंदरूनी जानकारी उन्हें आवश्यक सुधारों को लागू करने की स्थिति में रखती है। हालांकि, आलोचक उनकी कथित पक्षपातपूर्णता और पारंपरिक कानून प्रवर्तन अनुभव की कमी पर चिंता व्यक्त करते हैं।

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