महागठबंधन सरकार के शपथ ग्रहण के तीन महीने से भी कम समय में एक कैबिनेट मंत्री को इस्तीफा देना पड़ा है. तो दूसरे मंत्री पर तलवार लटक रही है|अगर गठबंधन सरकार चलाते समय सहयोगी दलों के नेता कुछ गलत करते हैं तो क्या इसका असर भाजपा पर भी पड़ता है? मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए महागठबंधन में सहयोगी दलों के नेताओं को चेतावनी दी है|
धनंजय मुंडे ने 4 मार्च को अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था| संतोष देशमुख हत्या मामले में विपक्ष की आलोचना और आरोपियों से करीबी रिश्ते के कारण मुंडे को मंत्री पद छोड़ना पड़ा है।साथ ही एनसीपी के दूसरे मंत्री माणिकराव कोकाटे (अजित पवार) के इस्तीफे की भी मांग की जा रही है| मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस ने न्यूज चैनल के कॉन्क्लेव में बोलते हुए महागठबंधन के मंत्री पर लगे आरोपों पर प्रतिक्रिया दी|
उन्होंने कहा, माणिकराव कोकाटे के मामले में आज कोर्ट ने माणिकराव कोकाटे की सजा निलंबित कर दी है. लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार, यदि सजा निलंबित कर दी जाती है, तो पद नहीं जाता है। कोकाटे का मामला सिविल कोर्ट में लंबित था| सिविल कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि उनका लेनदेन सही था। हालांकि, आपराधिक अदालत ने सिविल अदालत के फैसले को रद्द करते हुए उन्हें दोषी पाया। इस फैसले के खिलाफ कोकाटे ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है|
महागठबंधन के जिन दो मंत्रियों पर आरोप लगे हैं, वे दोनों मंत्री मित्रा पार्टी से हैं| अगर गठबंधन का कोई मंत्री कुछ गलत करता है तो क्या भाजपा को भी नुकसान उठाना पड़ता है? क्या इसके लिए मुख्यमंत्री को निशाना बनाया जा रहा है?
उस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, मंत्रियों पर लगे आरोपों के बाद अब मुख्यमंत्री पर निशाना साधा जाएगा| लेकिन विचार करने योग्य दो बातें हैं। मैं किसी भी गठबंधन का पालन करूंगा| लेकिन जीरो टॉलरेंस की नीति गठबंधन के मंत्रियों पर भी लागू होगी |ऐसा नहीं है कि मैं सिर्फ भाजपा लोगों के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति रखूंगा|
क्या आपको सचमुच धनंजय मुंडे को इस्तीफा देने के लिए धमकाना पड़ा? ऐसा ही एक सवाल देवेंद्र फडनवीस से भी पूछा गया| इस पर बोलते हुए मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस ने कहा, ‘जिस तरह से संतोष देशमुख की हत्या हुई|
इस हत्याकांड में भी चार्जशीट में मुख्य मास्टरमाइंड किसे बताया गया है और अगर वह व्यक्ति एक मंत्री का करीबी है, तो नैतिकता के आधार पर मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए|अब कभी-कभी ऐसे फैसले में थोड़ा समय लग जाता है| लेकिन हमने इस पर कड़ा रुख अपनाया और उन्होंने भी इस्तीफा दे दिया|’