भारत-पाकिस्तान युद्ध में हमारी सेना जीत रही थी, लेकिन, पंजाब जीतने के बाद नेहरू ने युद्धविराम की घोषणा कर दी। इस प्रकार पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर का जन्म हुआ।यदि नेहरू ने तीन दिन बाद युद्ध विराम कर दिया होता तो पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर आज भारत का हिस्सा होता।फिर नेहरू ने एक और गलती की|वह भारत-पाकिस्तान मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र तक ले गए।
अधीर रंजन चौधरी ने कहा, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को लेकर संसद में पूरे दिन चर्चा होनी चाहिए|क्योंकि ये कोई छोटा-मोटा तर्क नहीं है|देश की जनता को इस विवाद की गंभीरता और गहराई को जानना चाहिए|वहीं, पिछले कई सालों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को जब्त करने की घोषणा करते रहे हैं| जैसा कि अमित शाह कहते हैं, नेहरू ने गलती की|
सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, अगर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर रहता है तो कम से कम एक सेब वहां से ले आएं| चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से बनाया जा रहा है|इस पर मोदी और शाह चुप क्यों हैं? आप जी-7, जी-20, शंघाई सम्मेलनों में जाते हैं, वहां जाकर पीओके के लिए प्रयास क्यों नहीं करते। किस्तान अधिकृत कश्मीर ले कर दिखाओ|आपको वह करना चाहिए जो कांग्रेस करने में विफल रही।अगर वह ऐसा करता है तो भी वह आपका सबसे बड़ा हीरो होगा। लद्दाख में अतिक्रमण हुआ है|गलवान घाटी की घटनाएँ सभी जानते हैं।
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